GMCH STORIES

राजस्थान आदिवासी संघ का 59वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया

( Read 1644 Times)

23 May 25
Share |
Print This Page
राजस्थान आदिवासी संघ का 59वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया

जिला कलेक्टर व राज्यपाल के नाम सौपा ज्ञापन

डूंगरपुर। राजस्थान आदिवासी संघ का 59वां स्थापना दिवस स्थानीय वागड़ गांधी वाटिका हॉल में गुरुवार को धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा, अध्यक्षता प्रदेशाध्यक्ष भूपत सिंह भगोरा ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजस्थान आदिवासी महासमिति के प्रदेशाध्यक्ष सुंदरलाल परमार, बीएपी संस्थापक सदस्य कांतिभाई रोत, पूर्व विधायक देवेंद्र कटारा, अति विशिष्ठ अतिथि आदिवासी एकता परिषद के प्रदेशाध्यक्ष मोगजी भगोरा, पाल महासभा के विजयपाल गमेती, जनाधिकार एकामंच के गौतमलाल डामोर मंचासीन रहे।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने आदिवासी समाज के धार्मिक, सामाजिक एवं शादी ब्याह के कार्यक्रमों में फिजूल खर्च रोकने के लिए समस्त जिलों के सुझाव अनुसार एकरूपता बनाकर उसकी पालना सुनिश्चित करने, जनजाति क्षेत्र में ग्रेड़ 1 से 9 तक एवं मेडिकल की तर्ज पर राज्य प्रशासनिक अधीनस्थ सेवा में 5.5 प्रतिशत पृथक से आरक्षण की व्यवस्था लागू करने, क्षेत्र में पूर्ण शराबबंदी लागू करने, शिक्षा के व्यवसायीकरण से समाज में घटते शिक्षा के स्तर को लेकर युवाओं को जागरूक करने, अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र का सर्वेक्षण करवाकर 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र को जनजाति उपयोजना से जोड़कर विशेष पैकेज दिलाने, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13 (3) (क), पांचवी अनुसूची एवं पैसा कानून में निहित प्रावधानों को धरातल पर लागू करने के लिए समाज में जनजागृति पैदा करने सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा कर सुझाव दिए। वक्ताओं ने आदिवासी समाज में बढ़ती नशे व अपराध की प्रवर्ति पर चिंता जाहिर की।
कार्यक्रम की शुरुआत में राजस्थान आदिवासी संघ के 59वें स्थापना दिवस पर अतिथियों द्वारा ध्वजारोहण किया गया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण एवं रूपरेखा प्रदेश उपाध्यक्ष रूपलाल अहारी ने दी। उन्होंने बताया कि राजस्थान आदिवासी संघ की स्थापना 18 अप्रैल 1967 को स्व. हीरालाल अहारी ने की थी, तब से लेकर अब तक संगठन आदिवासी समाज के उत्थान और प्रगति के लिए कार्यरत है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्थान आदिवासी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुंदरलाल परमार ने कहा कि राजस्थान आदिवासी संघ राजस्थान का सबसे पुराना आदिवासी संगठन है जिसने आदिवासी समाज के उत्थान के लिए ढेर सारे कार्य किये। यह एक गैर राजनीतिक संगठन है जो सभी विचारधारा के लोगों को एक साथ एक जाजम पर बैठाकर समाज उत्थान के लिए कार्य करने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में अच्छाइयों के साथ कुछ बुराइयां है जिस वजह से हमारा समाज पिछड़ता जा रहा है, उन बुराइयों को खत्म करने की आवश्यकता है। 
भारत आदिवासी पार्टी के संस्थापक सदस्य कांतिभाई आदिवासी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज राजस्थान आदिवासी संघ का कारवां 59वीं देहलीज को पार कर चुका है। अब इस कार्य की जिम्मेदारी युवाओं को आगे बढ़कर उठानी चाहिए। आज आदिवासी समाज में भयंकर कुरीतियां आ चुकी है जिन्हें खत्म करने के लिए आदिवासी समाज के सभी संगठनों को समन्वय बनाने की जरूरत है और सभी संगठनों को एक मंच पर आकर समाज के उत्थान के लिए काम करने की जरूरत है।
पूर्व विधायक देवेंद्र कटारा ने कहा कि राजस्थान आदिवासी संघ की स्थापना का उद्देश्य सरकार की नीतियों के माध्यम से आदिवासी समाज पर अध्ययन करना, आदिवासी समाज में उच-नीच, भेदभाव का अध्ययन करके उसका समाधान करना तथा समाज का उत्थान करना है। उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान में प्रावधान है कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण व्यवस्था लागू हो। आज बार-बार सरकार के सामने आरक्षण के लिए आवाज उठानी पड़ रही है। सरकार ने संविधान का एक भी प्रावधान लागू नहीं किया। हमें हमारे संवैधानिक अधिकारों को लागू करने के लिए एकजुट होना पड़ेगा। 
जनाधिकार एका मंच के गौतमलाल डामोर ने कहा कि देश-विदेश में आदिवासियों की जनसंख्या एवं आदिवासियों की पहचान खत्म होने जा रही है जो बड़ी चिंता का विषय है। आदिवासी समाज लगातार विस्थापित हो रहा है। सरकारें आदिवासियों के उत्थान की बातें तो करती है लेकिन धरातल पर हालत बहुत विपरीत है।
विधायक गणेश गोगरा ने कहा कि राजस्थान आदिवासी संघ को बनाने वाले स्व. हीरालाल जी अहारी आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी यादें और उनका यह संगठन हमारे बीच में है। हमारे आदिवासी समाज में राणा पूजा, बिरसा मुंडा, कालीबाई, सेंगा भाई जैसे महापुरुष पैदा हुए जिन्होंने देश दुनिया में आदिवासी समाज का नाम रोशन किया। उन्होंने कहा कि हर समाज में एक संगठन होता है लेकिन आदिवासी समाज के कई संगठन है। अलग-अलग संगठनों में बटें आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधि समाज के एकजुटता की बातें करते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि आदिवासी समाज के सभी संगठन मिलकर एक संगठन और एक कार्यकारिणी बनाये फिर आदिवासी समाज की बात करें। सभी संगठन और राजनीतिक विचारधारा वाले लोग पहले आदिवासी समाज की बात करें उसके बाद अन्य राजनीतिक व संगठनों की बातें करें। उन्होंने कहा कि हमें हर जिले और गांव में आदिवासी समाज को जागरूक करने के लिए अभियान चलाना पड़ेगा।
सभा के पश्चात सभी लोग वागड़ गांधी वाटिका हॉल से जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां जनजाति उपयोजना क्षेत्र में पूर्ण शराबबंदी एवं प्रशासनिक सेवा में 5.5 प्रतिशत प्रथक आरक्षण की मांग को लेकर जिला कलेक्टर व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपा।
इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री धूलेश्वर कलासुआ, उदयपुर जिलाध्यक्ष धनराज अहारी, डूंगरपुर जिलाध्यक्ष मुकेश अहारी, बांसवाड़ा जिलाध्यक्ष गौतमलाल डोडियार, राजसमंद जिलाध्यक्ष लक्ष्मीलाल दाणा, जिला उपाध्यक्ष नारायण भोराइया, महासचिव धनपाल तबियाड, प्रदेश संगठन सचिव पीयूष खांट, ब्लॉक अध्यक्ष बिछीवाड़ा रूपलाल वरहात, जिला महासचिव वासुदेव कटारा सहित बड़ी संख्या में राजस्थान आदिवासी संघ के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष देवीलाल कटारा व सुखलाल अहारी ने संयुक्त रूप से किया। वहीं, आभार डूंगरपुर जिलाध्यक्ष मुकेश अहारी ने व्यक्त किया


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like