नईं दिल्ली, सस्ते आयातित तेलों के कारण देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में शनिवार को सोयाबीन और बिनौला संयंत्रों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इन संयंत्रों को सस्ते आयात के आगे तेल पेराईं महंगी बैठने के कारण घाटे में व्यापार करने पर मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे इन उदृाोगों का संकट बढ़ गया है। बाजार में आम गिरावट का रख होने के बीच बाकी तेलतिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन प्लांट वालों को सोयाबीन की पेराईं करने में प्रति किलो 5-7 रपये का नुकसान है। यही हाल बिनौला का भी है। सस्ते आयातित तेलों के आगे ये तेल टिक नहीं पा रहे हैं और इन तेलों का कारोबार घाटे का सौदा बन गया है। किसान नीचे भाव में बिनौला और सोयाबीन बेच नहीं रहे क्योंकि उन्होंने पहले ऊंचे भाव पर अपनी उपज बेची थी। इसकी वजह से सोयाबीन तिलहन के दाम में सुधार है।