मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने वित्त वर्ष 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 5.80 फीसद कर दिया। वित्तीय एजेंसी ने इससे पूर्व 6.2 फीसद वृद्धि दर रहने की उम्मीद जताई थी।मूडीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि नरमी का कारण निवेश में कमी है जो बाद में रोजगार सृजन में नरमी तथा ग्रामीण क्षेत्र में वित्तीय संकट के कारण उपभोग में भी प्रभावी हो गया। मूडीज का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था नरमी से काफी प्रभावित है और इसके कुछ कारक दीर्घकालिक असर वाले हैं। रिजर्व बैंक ने भी हालिया मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.1 फीसद कर दिया है। मूडीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि नरमी का कारण निवेश में कमी है जो बाद में रोजगार सृजन में नरमी तथा ग्रामीण क्षेत्र में वित्तीय संकट के कारण उपभोग में भी प्रभावी हो गया। उसने कहा, ‘‘नरमी के कई कारण हैं और इनमें से अधिकांश घरेलू हैं तथा दीर्घकालिक असर वाले हैं।’ मूडीज ने कहा कि वृद्धि दर बाद में तेज होकर 2020-21 में 6.6 फीसद और मध्यम अवधि में करीब सात फीसद हो जाएगी। उसने कहा, ‘‘हम अगले दो साल जीडीपी की वास्तविक वृद्धि तथा महंगाई में धीमे सुधार की उम्मीद करते हैं।