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भारत बंद कार्यक्रम बाड़मेर के संयोजक लक्ष्मण वडेरा ने गहरी नाराजगी व्यक्त की

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04 Apr 19
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भारत बंद कार्यक्रम बाड़मेर के संयोजक लक्ष्मण वडेरा ने गहरी नाराजगी व्यक्त की

भारत बंद के दौरान दलितों पर किए गए आपराधिक मुकदमों को वापस नहीं लेने पर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए भारत बंद कार्यक्रम बाड़मेर के संयोजक लक्ष्मण वडेरा ने गहरी नाराजगी व्यक्त की लक्ष्मण बडेरा ने प्रेस  बयान जारी कर बताया कि 2 अप्रैल 2018  को भारत बंद के दौरान बाड़मेर जिला मुख्यालय पर दलित आंदोलनकारियों पर पुलिस की मौजूदगी में करणी सेना के युवाओं ने हमला किया दलितों की गाड़ियां जलाई दलितों को घायल किया जानलेवा हमला कर  बेहोश किया लहूलुहान किया दलितों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा उसके बावजूद भी दलित  कार्यकर्ताओं पर पुलिस में कोतवाली में लगातार 126 127  128 129 130    दिनांक 02-04-2018 को पांच मुकदमे दर्ज कर धारा 307  जैसी अजमानतीय धारा लगाकर  बेगुनाह 43 दलितों को गिरफ्तार किया कईयों को अवैध हिरासत में रखा और अवैध हिरासत में रखकर उनके हाथ और पैर तोड़ दिए इतना बड़ा जघन्य  अपराध होने के बावजूद भी सरकार ने दलितों के साथ बर्बरता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ में कार्रवाई नहीं की और दलित समाज के लोगों की आवाज को दबाने के लिए शहर में धारा 144  लगाकर तत्कालीन सरकार ने न्याय का गला घोंट दिया दलित सामाजिक कार्यकर्ता पुलिस के अत्याचारों को सहन करते रहे  और सरकार ने राजस्थान के वरिष्ठ नेता ओंकार सिंह लखावत को तथा आईजी स्तर के अधिकारी श्री कन्हैया लाल आईपीएस को बाड़मेर भेजा और वास्तविक रिपोर्ट सरकार के पास गई और सरकार ने कहा कि दलितों पर किए गए सभी मुकदमे  वापस लेगी लेकिन सरकार ने मुकदमे वापस नहीं लिए और उसके बाद में नई सरकार अशोक गहलोत सचिन पायलट के नेतृत्व में गठित हुई जनवरी में गहलोत सरकार ने दलितों पर किए गए मुकदमे वापस लेने का ऐलान किया था लेकिन गहलोत सरकार भी एक भी मुकदमा वापस नहीं लिया पूरे राज्य में करीब 341 से अधिक  मुकदमे अनु जाति व जनजाति के लोगों पर  दर्ज है सरकार ने अनुसूचित जाति  व जनजाति के नेताओं को गुमराह करने के लिए मुकदमे वापस लेने का एलान किया जिले के कलेक्टर को लिखी चिट्ठी में सरकार ने कहा जिन मुकदमों में चालान पेश हो गया उन मुकदमों को वापस लिया जाए जबकि सीआरपीसी 321  में यह प्रावधान है किसी भी कंडीशन में है सरकार चाहे तो मुकदमे वापस ले सकती है  लेकिन सरकार ने दलितों को गुमराह करने के लिए कलेक्टरों को चालान पेश होने वाले मामलों में मुकदमे वापस लेने की रिपोर्ट मांगी थी जबकि किसी भी मामले में चालान पेश नहीं हुआ ऐसे में भारत बंद  कार्यक्रम के संयोजक लक्ष्मण बडेरा ने राज्य सरकार से मांग की है कि बिना किसी शर्त के मुकदमे वापस लिए जावें  मुकदमें वापस नहीं लेने से दलित समाज में सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त है जिसका आगामी लोकसभा चुनावों में असर देखने को मिल सकता है 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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