अन्नकूट पर सजी भगवान पद्मनाभ की झांकी,
तपोभूमि लालीवाव मठ में दर्शन को उमड़े लोग
शहर के ऐतिहासिक रामानन्द सम्प्रदाय के तपोभूमि लालीवाव मठ में प्रतिवर्ष के भांति इस वर्ष भी बुधवार को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया । इस मौके पर भगवान पद्मनाभ की विशेष श्रृंगार किया गया व छप्पन भोग लगाया गया ।
लालीवाव मठ में सायं महामण्डलेश्वर हरिओमदासजी महाराज ने भक्तों को गोवर्धन पूजन का महत्व बताया । उन्होंने कहा की एक बार गोकुलवासी इंद्र की उपासना की तैयारी कर हठपूर्वक गोवर्धन की पूजा कराई । इससे रुष्ठ होकर इंद्र ने घनघोर वर्षा शुरु कर दी । इससे गांववासियों को बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर इस पर्वत को उठा लिया, इसके बाद से गोवर्धन की पूजा होने लगी । उन्होंने कहा की गोवर्धन वाले दिन गोवर्धन की परिक्रमा का विशेष महत्व है । इससे जीवात्मा के सभी पाप कर्म नष्ट होते हैं । इसके बाद भगवान पद्मनाभ की प्रतिवर्ष के भांति बाँसवाड़ा शहर की सबसे बड़ी 5 महाआरतीयाँ उतारी गई इसके पश्चात् अन्नकूट का 56 भोग लगाया गया । जैसे ही महाआरती प्रारंभ हुई शंखनाद, ढा़ेक, झालर, घंटा, मृदंग-मजीरे की धून में हर कोई भक्त अपने आपमें आनन्दित हो गया और तालियों से झूम उठा । महाआरती के पश्चात् महाप्रसादी का अयोजन के साथ कार्यक्रम समापन हुआ । इस अवसर पर लालीवाव मठ शिष्य परिवार के सदस्य उपस्थित रहे ।
इसके बाद मठ में सभी भक्तों ने अन्नकूट का महाप्रसाद ग्रहण किया । महामण्डलेश्वर हरिओमदासजी महाराज ने बताया कि भगवान पद्मनाभ का हर उत्सवों पर विशेष श्रृंगार होता है और इस वर्ष अन्नकूट के उपलक्ष में भगवान पद्मनाभ की विशेष झांकी तैयार की गई। भगवान के दर्शन करके हर कोई भक्त भाव विभोर हो गया एवं सभी भक्त भगवान के फोटो लेने में दिखाई दिए ।
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