बाँसवाड़ाजाने-माने कथावाचक एवं आध्यात्मिक चिन्तक पं. गणेश महाराज(भीलवाड़ा) ने कहा है कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सनातन से संबंधित परम्पराओं और विधियों की वैज्ञानिकता और सार्थक प्रभावों पर चिन्तन के साथ ही नई पीढ़ी को इसके महत्त्व एवं अचूक क्षमताओं से परिचित कराने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। इसके लिए सभी संबद्ध लोगों को संगठनात्मक एवं योजनाबद्ध प्रयासों से आगे आना चाहिए।
कथावाचक पं. गणेश महाराज, सरसी वाले (भीलवाड़ा) ने यह उद्गार गायत्री मण्डल की ओर से श्री पीताम्बरा आश्रम में आयोजित आध्यात्मिक चिन्तन समागम में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म से संबंधित सभी प्रकार के कार्यों और जागरुकतामूलक गतिविधियों में समाज के श्रेष्ठीजनों को उदारता और समर्पण भाव से आगे आने की जरूरत है। आत्मकेन्द्रित एवं अपने ही अपने परिवार तक सीमित स्वार्थ पूर्ति में डूबे रहकर समाज और देश के चिन्तन से विमुख होना दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों को जन्म देता है।
पं. गणेश महाराज ने कहा कि इतिहास से सबक लेकर हमें इस दिशा में समाजोन्मुखी एवं राष्ट्रवादी चिन्तन के साथ आगे आकर सशक्त भूमिकाओं का निर्वाह करना होगा।
इस अवसर पर गायत्री मण्डल के कोषाध्यक्ष पं. अनन्त जोशी ने मण्डल की गतिविधियों पर जानकारी दी। चिन्तन समागम में गायत्री मण्डल कार्यकारिणी सदस्य पं. चन्द्रेश व्यास, विशेष आमंत्रित सदस्य डॉ. नवीन उपाध्याय, पुष्पा व्यास, डॉ. मनीषा उपाध्याय, पंकज वैष्णव, प्रदीप सोनी आदि ने विचार रखे।
मण्डल की ओर से अभिनन्दन
समागम में गायत्री मण्डल की ओर से कथावाचक पं. गणेश महाराज का उपरणा एवं शॉल ओढ़ाकर अभिनन्दन किया गया। धार्मिक आध्यात्मिक कथाओं और सत्संग संकीर्तन आयोजनों में भागीदारी निभाते रहने वाले वाद्य कलाकारों विक्रम, जीतू भाई एवं कालु भाई (सभी भीलवाड़ा) का भी उपरणा पहनाकर सम्मान किया गया।
इससे पूर्व कथावाचक पं. गणेश महाराज ने गायत्री मण्डल द्वारा संचालित श्री पीताम्बरा आश्रम के विभिन्न परिसरों, कक्षों एवं मैदान आदि का अवलोकन किया और प्राच्यविद्याओं के संरक्षण-संवर्धन में की जा रही अतुलनीय सेवाओं की सराहना की।
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