बांसवाडा | सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के लिए यह खबर बेहद अहम है क्योंकि भारत सरकार और राजस्थान सरकार डबल इंजिन की सरकार न तो आठवां वेतन आयोग गठित कर रही हैं नही डीए 50%से बढ़ा कर 54 % कर रही हैं उल्टे कोराेना काल में फ्रीज 18 % डीए एरियर भुगतान भी रोक कर रखी है।
उक्त विचार राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम उपशाखा घाटोल द्वारा प्रदेश सभाध्यक्ष ललित आर पाटीदार की अध्यक्षता में "*शिक्षक - कर्मचारियों की समस्याएं और समाधान*" विषयक संगोष्ठी में उभर कर सामने आए।
राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम उपशाखा घाटोल द्वारा आहूत
संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि
पहले जहां सरकार ने डीए बढ़ाने और एरियर देने की बात कही थी। किन्तु वर्तमान में स्थिति उलट है। केन्द्र सरकार के मन में खोट है वो वित्तीय संकट का बहाना बनाकर देना नहीं चाहती हैं क्योंकि डीए 50 % से ऊपर होते ही आठवां वेतन आयोग गठित किया जाना होगा और न्यूनतम वेतन वृद्धि 1.88 गुणा तो बढ़ानी ही होगी जोकि सरकार नहीं चाहती हैं।
*यदि राष्ट्र की वित्तीय स्थिति चिंता जनक है तो माननीयों सांसद ,विधायकों के वेतन भत्ते में वृद्धि क्यों?*
वहीं अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है ओर सरकार वित्तीय लाभ देने में आनाकानी और देर कर रही है जबकि यही सरकार माननीय सांसद,विद्याको के बिना चर्चा के वेतन भत्ते वृद्धि कर रही है और माननीयों को 5 से 7 पेंशन दे रही हैं जबकि कर्मचारियों को एक पेंशन ओपी एस देने में राष्ट्रीय वित्तीय स्थिति का रोना रो रही है ।
यदि राष्ट्र की वित्तीय स्थिति चिंता जनक है तो माननीयों को पांच से सात पेंशन,वेतन भत्ते में वृद्धि क्यों?
*विश्व की तीसरी,चौथी महाशक्ति बनने का खोखला दावा क्यों*
संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि
विश्व की तीसरी,चौथी महाशक्ति बनने का खोखला दावा क्यों किया जा रहा हैं यदि आर्थिक हालात सुदृड है तो कर्मचारियों को बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन सहित आठवां वेतन आयोग गठित, कोरोना काल का 18 माह का फ्रिज डीए एरियर भुगतान और जनवरी महीने से लम्बित डीए एरियर 54% भुगतान के आदेश में देरी क्यों की जा रही हैं ।
वक्ताओं ने कहा कि
वित्त राज्य मंत्री ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है, जिसने सभी का ध्यान खींचा है। इस बयान से सरकार के रुख में बदलाव का संकेत मिलता है।
*डीए और एरियर पर सरकार का नया रुख*
संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि
कैबिनेट बैठक में डीए और एरियर को लेकर जो फैसला लिया गया है उसके बारे में विस्तार से जानना जरूरी है।
यह फैसला न सिर्फ मौजूदा कर्मचारियों को प्रभावित करेगा, बल्कि पेंशन भोगियों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
*केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी*!
4% डीए बढ़ोतरी से सैलरी में होगा इज़ाफा
*डीए में बढ़ोतरी का प्रस्ताव*
सरकार ने डीए को बढ़ाकर 54% करने का प्रस्ताव रखा जाना था। यह बढ़ोतरी पेंशनर कर्मचारियों की आय में इजाफा करने वाली थी। लेकिन अब इस प्रस्ताव पर नए सिरे से विचार किया जा रहा है जोकि दुःख द हैं और कर्मचारी कल्याण के विरोध में लिया गया निर्णय है।
*18 महीने के एरियर का मुद्दा निर्णायक*
संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि
कोरोना काल में 18 महीने के एरियर का मुद्दा, 4% डीए वर्द्धी का मुद्दा कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की तरह था। लेकिन अब सरकार नकारात्मक सोच रही है।
*वित्त राज्य मंत्री के बयान की निन्दा की*
सरकारों की सोच और वित्त राज्य मंत्री ने एक बयान में कहा है कि डीए और एरियर के मुद्दे पर फिर से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया जाएगा।
*डीए और एरियर का ओवरव्यू*
पुराना डीए 50 %
प्रस्तावित डीए 54%
डीए बढ़ोतरी 4 %
बकाया कोरोना काल में फ्रीज एरियर अवधि 18 महीने
*लाभार्थी सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी*
मूल वेतन पर प्रभाव बढ़ोतरी
सरकार का नया रुख पुनर्विचार
अंतिम निर्णय अभी तक नहीं
सरकार के यू टर्न के कारण
सरकार ने डीए और एरियर पर जो नया रुख अपनाया है इन कारणों को कर्मचारियो को समझना होगा क्योंकि यह *सरकार की कथनी और करनी में भेद पैदा कर रही* हैं सरकार जोकि कर्मचारियों के हितेषी होने का दंभ भर रही हैं जबकि वास्तविकता उलट है।
संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि
देश इस समय कई आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक मंदी जैसी समस्याएं सरकार के सामने बड़ी चुनौती हैं। ऐसे में डीए और एरियर पर खर्च बढ़ाना मुश्किल हो सकता है। तो माननीयों सांसद विधायकों को अतिरिक्त लाभ क्यों
माननीयों सांसद विधायकों यदि जन सेवा कर रहे हैं तो राजकोष से वेतन भत्ते क्यों? यदि वेतन भत्ते प्राप्त कर रहे है तो सरकारी मुलाजिम की तरह योग्यता निर्धारित क्यों नहीं उनकी भी आईएएस अधिकारी की तरह लिखित परीक्षा और इंटरव्यू लिया जाना चाहिए ताकि बेहतर योग्य चुनाव हो सके ।
*बजट पर दबाव नहीं देने का बहाना*
संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि
डीए और एरियर में बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर बड़ा बोझ पड़ेगा। यह राशि कई हजार करोड़ रुपये तक जा सकती है। सरकार को लगता है कि इस समय इतना बड़ा खर्च करना उचित नहीं होगा।
*कर्मचारियों और पेंशन भोगियों निराश और हताश होगे*
अन्य क्षेत्रों की जरूरतें
सरकार को स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में भी खर्च करना है। डीए और एरियर पर ज्यादा खर्च करने से इन क्षेत्रों के लिए पैसा कम पड़ सकता है।
आम जनता की प्रतिक्रिया
सरकारी कर्मचारियों को ज्यादा लाभ देने से आम जनता में नाराजगी हो सकती है। खासकर जब देश की अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही हो।
कर्मचारियों पर प्रभाव
सरकार के इस नए रुख का सबसे ज्यादा असर सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों पर पड़ेगा। वो निराश और हताश होगे।
*आय में कमी*
अगर डीए 54% नहीं होता है, तो कर्मचारियों की आय में जो बढ़ोतरी होनी थी, वह नहीं होगी। इससे उनकी खरीदारी क्षमता पर असर पड़ सकता है।मार्केट में नगद तरल कम होगा।
*एरियर की उम्मीद टूटना*
18 महीने के एरियर की उम्मीद कर रहे कर्मचारियों को निराशा हो सकती है। कई लोगों ने इस एरियर के भरोसे कई योजनाएं बनाई होंगी।
*भविष्य की योजनाओं पर असर*
कई कर्मचारी डीए और एरियर की राशि से अपने बच्चों की पढ़ाई या घर खरीदने की योजना बना रहे होंगे। अब उन्हें अपनी योजनाएं बदलनी पड़ सकती हैं।
*मनोबल पर प्रभाव*
सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों के मनोबल पर असर पड़ सकता है। वे महसूस कर सकते हैं कि उनकी जरूरतों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
*सरकार का पक्ष*
सरकार ने अपने इस नए रुख के पीछे कुछ कारण बताए हैं। यह समझना जरूरी है कि सरकार क्या सोच रही है और उसके क्या तर्क हैं।
*आर्थिक स्थिरता*
सरकार का कहना है कि इस समय आर्थिक स्थिरता बनाए रखना जरूरी है। डीए और एरियर पर बड़ा खर्च करने से यह स्थिरता बिगड़ सकती है।
*सभी वर्गों का ख्याल*
सरकार का तर्क है कि उसे सिर्फ सरकारी कर्मचारियों का ही नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखना है। इसलिए संसाधनों का सही बंटवारा जरूरी है।
*भविष्य की तैयारी*
सरकार कह रही है कि अगर अभी ज्यादा खर्च किया गया, तो भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटना मुश्किल हो सकता है।
*विकास कार्यों की प्राथमिकता*
सरकार का मानना है कि इस समय विकास कार्यों पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। इससे रोजगार बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
*कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया*
सरकार के इस नए रुख पर कर्मचारी संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। वे इस फैसले को कर्मचारियों के हितों के खिलाफ बता रहे हैं।
*विरोध प्रदर्शन , आंदोलन की चेतावनी*
कई कर्मचारी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। वे कह रहे हैं कि अगर सरकार अपना फैसला नहीं बदलती, तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।
*वार्ता की मांग*
कुछ राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम से जुड़ा महासंघ और अन्य संगठन सरकार से बातचीत करना चाहते हैं। वे कह रहे हैं कि इस मुद्दे पर सभी पक्षों को मिलकर कोई हल निकालना चाहिए।
*कानूनी कार्रवाई की बात*
कुछ संगठनों ने कानूनी कार्रवाई की बात भी कही है। वे कह रहे हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो वे अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
*मीडिया के जरिए दबाव*
कर्मचारी संगठन मीडिया का सहारा लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वे अपनी बात जनता तक पहुंचाना चाहते हैं।
*आगे की राह*
इस पूरे मामले में आगे क्या हो सकता है, यह जानना भी जरूरी है। कुछ संभावनाएं हैं जिन पर नजर रखनी होगी।
*नए प्रस्ताव की संभावना*
सरकार एक नया प्रस्ताव ला सकती है जिसमें डीए और एरियर को लेकर कोई मध्यम रास्ता निकाला जा सकता है।
*चरणबद्ध लागू करने का विकल्प*
डीए और एरियर को एक साथ न देकर चरणबद्ध तरीके से लागू करने का विकल्प भी सामने आ सकता है।
*कर्मचारी संगठनों से बातचीत*
सरकार कर्मचारी संगठनों से बातचीत करके कोई सहमति बना सकती है। इससे तनाव कम हो सकता है।
अन्य लाभों पर विचार
डीए और एरियर के बदले सरकार कर्मचारियों को कुछ अन्य लाभ देने पर विचार कर सकती है।
*डीए एरियर का आर्थिक प्रभाव*
आठवें वेतन आयोग गठित करने और डीए एरियर के भुगतान से देश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और देश को लाभ ही लाभ होगा।
*खपत में वृद्धि: कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ने से बाजार में मांग बढ़ेगी*
रोजगार सृजन: बढ़ी हुई मांग से नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे
*राजस्व में वृद्धि: अधिक खर्च से सरकार को कर राजस्व में बढ़ोतरी होगी*
बैंकिंग क्षेत्र: जमा राशि बढ़ने से बैंकों की तरलता में सुधार होगा
मुद्रास्फीति: अल्पावधि में मुद्रास्फीति में मामूली वृद्धि की संभावना
भविष्य में डीए नीति
सरकार ने भविष्य में डीए नीति को लेकर कुछ संकेत दिए हैं:
*नियमित बढ़ोतरी: हर 6 महीने में डीए में बढ़ोतरी जारी रहेगी*
AICPI आधारित: डीए की गणना AICPI के आधार पर होती रहेगी
उचित समय पर घोषणा: डीए बढ़ोतरी की घोषणा समय पर की जाएगी
पारदर्शिता: डीए गणना प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जाएगा
डिजिटल भुगतान: डीए और एरियर का भुगतान सीधे बैंक खातों में किया जाएगा
संगोष्ठी को संबोधित करने वालो में प्रदेश सभाध्यक्ष ललित आर पाटीदार, वीरेंद्र चौधरी, जिलामंत्री नवीन जोशी, सतीश जोशी, लोकेश पटेल, महिपाल भाटिया, महिपाल भूता , अरुण व्यास,निलेश शाह,श्रीपाल जैन,
अध्यक्ष बदन लाल डामोर,
मंत्री अमृतलाल निनामा,
कार्यकारी अध्यक्ष श्री रमेश प्रजापत,कोषाध्यक्ष श्रीपाल जैन
लक्ष्मण लाल निनामा, नानूराम डामोर,श्री गाऺग जी डामोर, डाया लाल यादव , पवन बुनकर , वालजी बुज, मोतीलाल राठौड़ शामिल रहे।
मुख्य आतिथ्य जिलामंत्री नवीन जोशी,विशिष्ठ अतिथि डाया लाल यादव थे जबकि अध्यक्षता प्रदेश सभाध्यक्ष ललित आर पाटीदार थे।
संगोष्ठी का संचालन बदन लाल डामोर ने और आभार प्रदर्शन
अमृतलाल निनामा ने ज्ञापित किया।