GMCH STORIES

मिथ्यात्व की भावना जैसे जैसे कम होगी मनुष्य परमात्मा की ओर दौड़ेगाःविरलप्रभाश्री

( Read 3114 Times)

21 Jul 25
Share |
Print This Page

मिथ्यात्व की भावना जैसे जैसे कम होगी मनुष्य परमात्मा की ओर दौड़ेगाःविरलप्रभाश्री

उदयपुर। सूरजपोल स्थित दादाबाड़ी में साध्वी विरल प्रभा श्रीजी ने कहा कि अनंत बार आत्मा ने जीव लिया और समाप्त हुआ। जीव का भटकना चालू है। जब तक मिथ्यात्व है तब तक यह क्रम चलता रहेगा। लक्ष्य जब तक स्पष्ट नही होगा तब तक यही होगा। साधु-साध्वियों के दर्शन की उत्सुकता हो, परमात्मा के दर्शन की इच्छा हो तब तक सम्यकत्व रहेगा। परमात्मा ने जो कहा वह सत्य है मानेगा नहीं। मिथ्यात्व की भावना जैसे जैसे कम होगी वो परमात्मा की ओर दौड़ेगा। मैं सबका प्रिय रहूं यह भावना रहनी चाहिए। मैं कुछ बोलूं और लोग मुंह फेर लें ऐसी भावना कोई नही चाहता। अगर ऐसी भावना हो यो समझ लेना कि मिथ्यात्व कम हो रहा है और सम्यकत्व की ओर बढ़ रहे हैं।
साध्वी श्री ने कहा कि अगर घर में बच्चे डर रहे हैं तो मिथ्यात्व है। बच्चे इच्छा करते हैं, पूछते हैं कि घर कब आओगे तो सम्यकत्व बढ़ रहा है। जो बोलूं घर में स्वीकार कर लें। घर से अगर कोई अलग भी हो तो आंसू आ जाएं। अब ऐसे घर कम ही रह गए हैं। बाहर दुर्घटना हुई तो जल्दी ठीक हो जाएंगे। घर में दुर्घटना हो गई तो दिल टूट जाएंगे और वो कभी ठीक नही होगी। दिल बड़ा रखो, कभी दुर्घटना नही होगी। जैसे बेटी को समझाते हो, बहू को भी वैसे ही समझाओ। जो हमारे पास है वही देंगे। जैसे विचार होंगे, वही देंगे। सास के रहते हुए बहू खुद को सेठानी न माने।
साध्वी विपुल प्रभा श्रीजी ने कहा कि पीहर में तो मां के लिए पहले खाना बनाकर रखना। मां के खाने के बाद खाना होता था। ससुराल में ये प्रवृत्ति क्यों बदल गई। मां के लिए जीव देते हैं सास के लिए नही तो समझना कि दिल छोटा हो गया है। साध्वी कृतार्थ प्रभा श्रीजी ने गीत प्रस्तुत किया।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like