उदयपुर साहित्य के क्षेत्र में सुदीर्घ सेवाओं को देखते हुए प्रख्यात साहित्यकार डॉ. विमला भंडारी को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सलूम्बर द्वारा आयोजित समारोह में ऊपरना ओढ़ाकर, प्रमाण-पत्र एवं स्मृति चिन्ह अर्पित कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उन्होंने अपनी लंबी साहित्यिक सेवाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि जीवन में सतत कर्म करते रहना ही सार्थक जीवन जीने का मूल मंत्र है।
समाज कल्याण सप्ताह अंतर्गत आयोजित वृद्धजन सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपखण्ड अधिकारी जगदीश चन्द्र बामनिया ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बुजुर्गों की सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य कार्य है। उन्होंने आह्वान किया कि सभी समर्थजन बुजुर्गों की सेवा कर पुण्य के भागीदार बनें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सूचना प्रौद्योगिकी उप निदेशक दीपक धाकड़ ने की। जिला समाज कल्याण अधिकारी ममता जाखड़ ने समाज कल्याण सप्ताह के अंतर्गत होने वाली विविध गतिविधियों की जानकारी दी। डॉ. विमला भंडारी ने माँ शारदा की वंदना कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। उप निदेशक धाकड़ ने वृद्धाश्रम के सेवादारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिन बुजुर्गों को उनके अपने संतान नहीं संभाल पाए, उनकी सेवा आप लोग कर रहे हैं। यही सच्ची मानवता है।
इस अवसर पर अन्य विभूतियों को भी सम्मानित किया गया— पूंजीलाल वरनोती (कला एवं समाज क्षेत्र), डॉ. इंद्रा चौहान (गातोड़ विद्यालय में बच्चों के प्रति समर्पण), सेवा भारती संस्थान, सोहन लाल भलवाड़ा (समाज सेवा), कृष्ण कल्याण संस्था (वृद्धजन सेवा क्षेत्र में योगदान)।आयोजन में विभाग के कुबेश्वर मीणा, राजेश मीणा, दिनेश पटेल, बंसीलाल, कल्पना रालोटी एवं निकुंज मीना का विशेष सहयोग रहा।
कार्यक्रम के दौरान शतायु मतदाताओं का भी सम्मान निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारी जगदीश चन्द्र बामनिया द्वारा किया गया। उन्हें 100 वर्ष से अधिक आयु में भी लोकतंत्र को मजबूती देने के योगदान हेतु सम्मानित किया गया।