उदयपुर, दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय निदेशालय उदयपुर द्वारा मंगलवार को 68वां स्थापना दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय सलाहकार समिति की बैठक जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति सचिवालय सभागार में सम्पन्न हुई, जिसमें विभिन्न विभागों, श्रमिक संगठनों एवं स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लेकर विचार साझा किए।
कार्यक्रम का शुभारंभ पदेन सचिव एवं क्षेत्रीय निदेशक प्रभारी जगदीप सिंह द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत करने से हुआ। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए श्रमिक वर्ग को सशक्त करना अत्यावश्यक है। इस दौरान उन्होंने ई-श्रम पोर्टल, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना की जानकारी दी।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति एवं समिति अध्यक्ष प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि श्रमिक वर्ग को शिक्षित और सशक्त किए बिना देश का समग्र विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रगति के बावजूद श्रमिकों का श्रम अनिवार्य है। उन्होंने संस्थापक पं. नागर द्वारा 1937 में श्रमिकों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु स्थापित रात्रिकालीन श्रमजीवी कॉलेज का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भी श्रमिक अपनी बुनियादी जरूरतों से वंचित हैं।
पीठ स्थविर डॉ. कौशल नागदा ने कहा कि घरेलू महिला एवं पुरुष श्रमिकों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
काॅमरेड गोपी किशन (एटक, जोधपुर) ने श्रमिक शिक्षा को सरकारी योजनाओं से जोड़ने का माध्यम बताया।
पियूष चौधरी, वरिष्ठ प्रबंधक, राजस्थान स्पिनिंग एंड वीविंग मिल्स ने श्रम कानूनों में किए गए बदलावों पर जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रिंस परमार, जिला उद्योग अधिकारी ने विश्वकर्मा योजना और डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना 2022 की जानकारी साझा की।
मांगीलाल लुणावत, अध्यक्ष, उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने कहा कि महिला शिक्षा और श्रमिक शिक्षा दोनों ही समाज के विकास की कुंजी हैं।
भेरूलाल, श्रम निरीक्षक ने सुझाव दिया कि केंद्र व राज्य की सभी योजनाएं एक पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएं।
जयंत द्विवेदी, भारतीय मजदूर संघ ने श्रमिक उत्थान हेतु संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।
सुभाष श्रीमाली, एटक उदयपुर ने न्यूनतम वेतन कानून को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर डॉ. संजीव राजपुरोहित, बालकृष्ण शुक्ला, लाली सालवी, रेखा भटनागर, सौरभ गुप्ता सहित अन्य प्रतिनिधियों ने महिला उत्थान एवं श्रमिक शिक्षा की भूमिका पर विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में श्रमिक शिक्षा बोर्ड, उदयपुर द्वारा सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया।