उदयपुर, राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने गुरुवार को राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर महाविद्यालय में 9 करोड़ की लागत से बने अत्याधुनिक कृषि भवन का लोकार्पण किया। समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत, कुलाधिपति भंवरलाल गुर्जर समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
डॉ. मीणा ने कहा कि बदलते समय के साथ कृषि क्षेत्र में भी व्यापक बदलाव आवश्यक हैं। रासायनिक खादों और कीटनाशकों के कारण आज हर व्यक्ति किसी न किसी रोग से ग्रसित है। खेतों की उर्वरा शक्ति कम हो रही है और ज़मीन बंजर होती जा रही है। अब समय आ गया है कि प्राकृतिक, जैविक और GAP (गुड एग्रीकल्चरल प्रैक्टिसेज़) आधारित खेती को अपनाया जाए।
उन्होंने कहा कि गरीबों का खाना आज अमीरों की पहली पसंद बन गया है, परंपरागत व्यंजन और देसी अन्न आज बड़े होटलों में सबसे पहले परोसे जा रहे हैं। इसलिए गरीबों की सेवा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और किसानों तक सरकारी योजनाएं प्रभावी रूप से पहुंचाई जानी चाहिए।
कृषि मंत्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अनुशासन को जीवन में सफलता की कुंजी बताया और कहा कि केवल तकनीकी या व्यावसायिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि नैतिकता, राष्ट्रप्रेम और पर्यावरण चेतना से जुड़ी शिक्षा भी जरूरी है। उन्होंने विद्यापीठ के प्रयासों की सराहना की।
परंपरा और नवाचार का समन्वय – प्रो. सारंगदेवोत
कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि विद्यापीठ परंपरागत भारतीय कृषि प्रणाली को आधुनिक तकनीक के साथ समन्वित कर एक आदर्श मॉडल तैयार कर रहा है। टिकाऊ कृषि, सतत विकास, जैव विविधता संरक्षण और ग्रामीण-आदिवासी समुदायों की आर्थिक उन्नति विद्यापीठ के फोकस एरिया हैं।
नीलगायों से फसलें तबाह – भंवरलाल गुर्जर
कुलाधिपति भंवरलाल गुर्जर ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि मेवाड़ क्षेत्र के किसानों की सबसे बड़ी समस्या नीलगायों से फसलों को होने वाला नुकसान है। उन्होंने कहा कि छोटी जोतों पर बाड़बंदी के लिए अनुदान दिया जाना चाहिए। उन्होंने ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने और इसके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां व किताब विमोचन
समारोह की शुरुआत एनसीसी कैडेट्स के गार्ड ऑफ ऑनर से हुई। अतिथियों के स्वागत के साथ परिसर में पौधरोपण किया गया और विद्यार्थियों ने राजस्थानी गीतों पर रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर बीएड कॉलेज द्वारा प्रकाशित पुस्तक "शांति, विचार एवं क्रिया" तथा कृषि विवरणिका का विमोचन भी किया गया।
कृषक महिलाओं को उपकरण वितरित
समारोह में चयनित किसानों को कीट एवं रोग नियंत्रण हेतु स्प्रे मशीनें और कृषक महिलाओं को कृषि कार्य में सहायक उपकरण वितरित किए गए।
विशिष्ट उपस्थिति
इस अवसर पर समाजसेवी मूलचंद सोनी, डॉ. कौशल नागदा, डॉ. तरुण श्रीमाली, प्रो. महेन्द्र सिंह आगरिया, मोहब्बत सिंह रूपाखेड़ी, डॉ. युवराज सिंह राठौड़, डॉ. पारस जैन, मयुरध्वज सिंह, नाना वया, ललित तलेसरा, डॉ. धमेंद्र राठौड़, प्रो. सरोज गर्ग सहित अनेक प्रबुद्धजन मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. हरीश चौबीसा ने किया जबकि आभार प्रो. आईजे माथुर ने व्यक्त किया।