लंदन, एनर्जी रेवोल्यूशन: द अदाणी ग्रीन एनर्जी गैलरी ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मार्च 2024 के अंत में शुरू की गई साइंस म्यूज़ियम में स्थित यह पुरस्कार विजेता निःशुल्क गैलरी अब तक 10 लाख से अधिक विज़िटर्स का स्वागत कर चुकी है।
यह गैलरी हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक, तेज़ी से हो रहे ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन को सीमित करने के लिए जरूरी डिकार्बनाइजेशन को समझने पर केंद्रित है। इसमें पुराने और आधुनिक समय की अनोखी वस्तुएँ, आकर्षक डिजिटल डिस्प्ले और खास तौर पर तैयार किए गए मॉडल शामिल हैं, जो मिलकर यह दर्शाते हैं कि इंसानी कल्पना और नवाचार ने ऊर्जा प्रणालियों के अतीत, वर्तमान और भविष्य को कैसे आकार दिया है।
यह गैलरी, जो यूके और विदेशों के तकनीकी प्रोजेक्ट्स को प्रदर्शित करती है, परिवारों और स्कूल ग्रुप्स दोनों में बेहद लोकप्रिय है, जैसे ऑर्कनी में हाइड्रोजन पॉवर, भारत में टेराकोटा एयर-कूलिंग फैसाड्स और मोरक्को में सोलर फार्म्स। अब तक 10,000 से अधिक छात्रों ने शैक्षिक यात्राओं के हिस्से के रूप में इस गैलरी का अनुभव किया है।
अदाणी ग्रीन एनर्जी के एग्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर सागर अदाणी ने कहा, "हमें गर्व है कि एनर्जी रेवोल्यूशन: द अदाणी ग्रीन एनर्जी गैलरी ने अब तक 10 लाख लोगों को प्रेरित किया और स्थिरता व नवाचार पर चर्चा शुरू की। अदाणी ग्रीन एनर्जी में हमारा मानना है कि एक स्थायी भविष्य साहसिक नवाचार और सामूहिक प्रयास पर आधारित है। यह मुकाम साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है और दर्शाता है कि शिक्षा से कैसे महत्वपूर्ण बदलाव लाया जा सकता है। हम साइंस म्यूज़ियम ग्रुप को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई देते हैं और गर्व महसूस करते हैं कि हम ऐसी गैलरी का समर्थन कर रहे हैं, जो न सिर्फ जिज्ञासा जगाती है, बल्कि एक स्वच्छ और अधिक सुदृढ़ दुनिया के लिए समाधान विकसित करने में मदद करती है।"
साइंस म्यूज़ियम ग्रुप के चीफ एग्जीक्यूटिव और डायरेक्टर सर इयान ब्लैचफोर्ड ने कहा, "हमें इस शानदार गैलरी में 10 लाख विज़िटर्स का स्वागत करके बेहद खुशी हो रही है। यह विज़िटर्स में जिज्ञासा जगाने और ऊर्जा को अधिक स्थायी तरीके से उत्पन्न और इस्तेमाल करने की आवश्यकता पर चर्चा शुरू करने में मदद करता है। इस महत्वपूर्ण मुकाम तक पहुँचना गैलरी के पुरस्कार विजेता डिज़ाइन और अद्भुत प्रदर्शित वस्तुओं की कहानियों का प्रमाण है। मैं अदाणी ग्रीन एनर्जी का आभारी हूँ, जिनके उदार प्रायोजन ने यह गैलरी संभव बनाई।"
एनर्जी रेवोल्यूशन: द अदाणी ग्रीन एनर्जी गैलरी को आर्किटेक्ट और डिज़ाइन स्टूडियो अननोन वर्क्स ने डिज़ाइन किया था और हाल ही में इसके सतत डिज़ाइन और इंस्टॉलेशन दृष्टिकोण के लिए आर्किटेक्ट्स जर्नल से रेट्रोफिट और रीयूज़ अवॉर्ड मिला। इस पुरस्कार विजेता डिज़ाइन के तहत, म्यूज़ियम के पुराने ऑब्जेक्ट स्टोर की 200 से अधिक व्यर्थ धातु की शेल्फ को गैलरी में वस्तुएँ प्रदर्शित करने के लिए पुन: उपयोग किया गया। जहाँ संभव था, वहाँ एल्युमीनियम का इस्तेमाल किया गया, क्योंकि इसे आसानी से रिसाइकल किया जा सकता है, और गैलरी में ऊर्जा-कुशल एलईडी लाइटिंग का उपयोग किया गया। इन सभी प्रयासों ने गैलरी के निर्माण और संचालन से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद की।
कल्पना की दृष्टि से तैयार की गई यह गैलरी इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती- ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु संतुलन को तीन हिस्सों में समझाती है। फ्यूचर प्लैनेट सेक्शन में विज़िटर्स यह जान सकते हैं कि जलवायु वैज्ञानिक किस तरह गणित और उन्नत कम्प्यूटर मॉडल्स की मदद से धरती की बदलती जलवायु को समझते हैं। यूके मेट ऑफिस के सहयोग से बनाए गए इंटरएक्टिव एक्सहिबिट के जरिए विज़िटर्स यह भी देख सकते हैं कि भविष्य में पृथ्वी का मौसम और जलवायु कैसी हो सकती है। यहाँ समुद्र, भूमि, हवा और अंतरिक्ष से जलवायु का अध्ययन करने वाले कई उपकरण भी प्रदर्शित हैं, जिनमें चार्ल्स डेविड कीलिंग की डिज़ाइन पर आधारित एयर-सैंपलिंग फ्लास्क शामिल है, जिसका उपयोग वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को मापने के लिए किया गया था। इसके साथ ही, एक सैटेलाइट आधारित वैज्ञानिक उपकरण भी प्रदर्शित है, जो अंतरिक्ष से समुद्र की सतह के तापमान का सटीक मापन करता है।
फ्यूचर एनर्जी सेक्शन में उन लो-कार्बन तकनीकों को दर्शाया गया है, जो आज ऊर्जा उत्पादन और उपयोग के तरीकों को नए सिरे से गढ़ रही हैं। इसके साथ ही, इसमें इतिहास की कुछ दुर्लभ वस्तुएँ भी हैं, जो दर्शाती हैं कि दुनिया धीरे-धीरे फॉसिल फ्यूल्स से दूर कैसे जा रही है। विज़िटर्स यहाँ 1897 में लंदन की सड़कों पर चलने वाली पहली इलेक्ट्रिक टैक्सी- बर्सी कैब और 1882 में लंदन में स्थापित दुनिया के पहले सार्वजनिक बिजली नेटवर्क के लिए बनाए गए केबल्स देख सकते हैं, जिसने हमारे जीवन का रूप बदल दिया। इसके अलावा, यहाँ एक 5 मीटर ऊँचा पैराबोलिक सोलर ट्रफ मिरर भी है, जिसका उपयोग बड़े सोलर फार्म्स में सूरज की रोशनी को केंद्रित कर बिजली बनाने में किया जाता है। वहीं, 2016 में ऑर्कनी के पास इस्तेमाल किया गया 7 मीटर लंबा टाइडल टर्बाइन ब्लेड भी प्रदर्शित है, जिसने लगभग एक हज़ार घरों को बिजली देने लायक ऊर्जा उत्पन्न की थी। पहली बार यहाँ ज़ीरो एनर्जी थर्मोन्यूक्लियर असेंबली का विशाल क्वाड्रंट भी प्रदर्शित किया गया है। यह 1950 के दशक के अंत में ब्रिटिश वैज्ञानिकों द्वारा किया गया न्यूक्लियर फ्यूज़न प्रयोग था, जिन्होंने ऐसी दुनिया की कल्पना की थी, जहाँ ऊर्जा की कोई कमी न हो। इसके साथ ही, विज़िटर्स रॉल्स-रॉयस एसएमआर द्वारा बनाए गए स्मॉल मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर का मॉडल भी देख सकते हैं, जो भविष्य में हमारे घरों को ऊर्जा प्रदान कर सकता है। इसके बगल में यूके के न्यूक्लियर वेस्ट स्टोरेज के लिए इस्तेमाल किया गया एक वास्तविक (लेकिन गैर-रेडियोधर्मी) कंटेनर भी प्रदर्शित किया गया है।
'आवर फ्यूचर' नामक इस सेक्शन में बच्चों की रचनात्मक सोच झलकती है, जहाँ वे अपने विचार साझा करते हैं कि आने वाले समय में दुनिया अपनी ऊर्जा जरूरतों को कैसे पूरा करेगी। इनके साथ विशेषज्ञों के जवाब भी प्रदर्शित किए गए हैं, जिससे विज़िटर्स भविष्य की संभावनाओं को बेहतर समझ सकें। यहाँ एक डीकार्बनाइजेशन ट्रैकर भी लगाया गया है, जो हर साल अपडेट होता है और बताता है कि यूके अपनी कम-कार्बन यात्रा में कितनी प्रगति कर रहा है।
गैलरी के बीचों-बीच 'ओनली ब्रीथ' नाम की एक खूबसूरत गतिशील मूर्ति लगाई गई है, जो विज्ञान और कला का संगम पेश करतीहै। जब यह पूरी तरह आगे बढ़ती है, तो इसका व्यास करीब पाँच मीटर तक पहुँच जाता है। इसे कलाकार एलेक्जेंड्रा कैर और कॉलिन रेनी ने 'टोरस टोरस स्टूडियोज़' में बनाया है। यह मूर्ति पुनः उपयोग किए गए शीशों, रीसाइक्लेबल स्टेनलेस स्टील और हवा से टूटे पेड़ों की लकड़ी से तैयार की गई है, जो प्रकृति से प्रेरित तकनीकी बदलाव की शक्ति का प्रतीक है।
'एनर्जी रेवोल्यूशन: द अदाणी ग्रीन एनर्जी गैलरी' को विश्व की प्रमुख नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों में से एक, अदाणी ग्रीन एनर्जी का सहयोग प्राप्त है। इस गैलरी को 24 मार्च, 2024 को साइंस म्यूज़ियम के वेस्ट हॉल की दूसरी मंज़िल पर जनता के लिए नि: शुल्क शुरू किया गया था।