जैसलमेर खरतरगच्छ समुदाय की साध्वी अनुभव श्री जी की सुषिश्या विनितयषा श्रीजी म.सा. आदिठाणा ०४ का स्वर्णनगरी में ऐतिहासिक चातुर्मास संपन होने पर चातुर्मास कमेटी व जैन ट्रस्ट जैसलमेर के तत्वावधान में महावीर भवन में विदाई समारोह हर्शोउल्लास के साथ मनाया गया।इस अवसर पर जैसलमेर सकल श्रीसंघ, पार्ष्व महिला मंडल, कुषल भक्ति मंडल और महावीर नवयुवक मंडल के साथ बाडमेर से आये कुषल भक्ती मंडल के अध्यक्ष पुखराज लुणिया व श्रदालु श्रावक श्राविकाओं ने अश्रुपूरित नैत्रों से भावभिनी बिदाई दी।इस अवसर पर साध्वी विनितयषा श्रीजी म.सा.ने कहा कि जैसलमेर तीर्थ के श्रावकों में अतिथि सत्कार जैन संस्कृति का स्वर्णिम अंग है। चार महिने जप तप ध्यान साधना अराधना का जो यहां ठाट रहा है वह हम कभी भी भूल नहीं सकते। क्षैत्रीय सभा के अध्यक्ष राजमल राखेचा ने कहा कि साधु साध्वीयों के दर्षन पूज्य के उदय से होते है। समाजसेवी महेन्द्र भाई बापना ने कहा कि मरुस्थल के रेगिस्तानी क्षैत्र में साधु साध्वीयों का विचरण बहुत कम होने से यहां के वासिंदो में धर्मिक संस्कारो व सामाजिक कार्यक्रमों के प्रति आतुरता बडी है। प्रचार मंत्री अतुल जिंदाणी ने कहा कि साधु साध्वीयों का गृहस्थों से कोई स्वार्थ नहीं होता है। विदाई के अवसर पर कई श्रावक श्राविकाओं ने कई नियम लिए। विदाई के अवसर पर श्रीमती निमला राखेचा, लक्ष्मी राखेचा, उशा बागचार व मिनाक्षी को समिति की ओर से चुनरी, माला, नारीयल व स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार भोजन व्यवस्था के लिए चातुर्मास कमेटी के मोहनलाल बरडया, संपतलाल डुंगरवाल का भी बहुमान किया गया। मेहमानों व चातुर्मास की व्यवस्था के लिए राजमल जैन, मनोजकुमार राखेचा व अतुल जिंदानी का भी साफा तिलक माला व स्मृति चिन्ह से बहुमान किया गया। इस अवसर पर भोजनषाला के स्टॉफ व अन्य कर्मचारीयों का भी समिति द्वारा सम्मान किया गया। इस अवसर पर रणजीतसिंह राखेचा, नेमीचंद डुंगरवाल, राणामल बागचार, पूर्व पार्शद षेरसिंह राखेचा व सुरेन्द्र बापना आदि कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
Source :