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विमान ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार

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16 Jul 18
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माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े फैसले लेने वाला शीर्ष निकाय जीएसटी परिषद इस सप्ताह विमान ईंधन (एटीएफ) को जीएसटी के दायरे में लाने का विचार कर सकता है लेकिन कर स्लैब इसमें बाधा खड़ा करने का काम कर रही है। मामले से जुड़े लोगों ने इसकी जानकारी दी।एक जुलाई 2017 को जब जीएसटी लागू किया गया था तो पांच उत्पादों-कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन को इसके दायरे से बाहर रखा गया था। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों को होने पर नुकसान के चलते इन्हें तुरंत जीएसटी के दायरे में लाने में देरी हो रही है। हालांकि, प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्राकृतिक गैस और एटीएफ को उपयुक्त माना जा रहा है। जीएसटी परिषद की बैठक 21 जुलाई को होनी है।इन दोनों उत्पादों को जीएसटी कर की दरों 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत में रखना मुश्किल साबित हो रहा है। वर्तमान में केंद्र एटीएफ पर 14 प्रतिशत का उत्पाद शुल्क लगाता है। इसके ऊपर से राज्य 30 प्रतिशत तक बिक्री कर या वैट लगाते हैं। ओडिशा और छत्तीसगढ़ में विमान ईंधन पर 5 प्रतिशत वैट हैं जबकि तमिलनाडु में 29 प्रतिशत, महाराष्ट्र और दिल्ली में 25 प्रतिशत और कर्नाटक में 28 प्रतिशत वैट है।कर को तटस्थ रखने के लिए केंद्र और राज्य द्वारा लगाए गए शुल्क को मिलाकर जीएसटी के रूप में एक मूल कर लगाया गया है। एटीएफ के मामले में बड़े हवाई अड्डों वाले राज्यों में कर की दर 39-44 प्रतिशत होगी। सूत्रों ने कहा कि इसका अर्थ यह है कि यदि एटीएफ पर अधिकतम 28 प्रतिशत का कर लगाया जाता है, तो बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान होगा।
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