यहाँ राजस्थान कॉलेज ओफ एग्रीकल्चर के ऐन एस एस शिविर में डॉ पी .सी .जैन ने कैडेट्स को गत वर्षा काल में रिचार्ज किये कुए की विधि समझाते हुए किस तरह इसे रिचार्ज किया यह बताया .घर घर में लगे बोर वेल को हमने रिचार्ज नही किया तो साउथ अफ्रीका के कैप टाउन जेसी स्तिथि जल्दी आ सकती हे .घर में भी ऐसे सोप का उपयोग करना चाहिए जो पानी को इतना दूषित नहीं करे की उसका दुबारा उपयोग नहीं हो सके .इस हेतु इस तरह का सोप भी प्रोत्साहन हेतु वितरित किया .
शराब और ब्राउन सुगर के नशे से मरने वाले दो सच्चे किस्से बताते हुए उन्होंने कैडेट्स को आगाह किया की वे इसका शोक भी नहीं पाले नहीं तो कब ये आदत और फिर नशे का रोग बन जायगा इसका पता ही नहीं चलेगा /नशे से केसे बचे और नशे का पता केसे करे येह भी बताया और इसे एक सामाजिक कर्तव्य समझ कर खुद भी न नशा नहीं करे और दुसरो को भी बचाए .
पानी का टी .डी .एस टेस्ट करते हुए उन्होंने बताया की स्वस्थ शरीर के लिए २५० से ३५० टी डी एस पिने के पानी का होना चाहिए सभी ने नशा नहीं करने और जल प्रदूषित न करने और वर्षा जल को बचाने का का संकल्प लिया .डॉ गजानंद जाट फ़िश रिज कॉलेज के ऐन एस एस प्रभारी ने डॉ जैन को धन्यवाद ज्ञापित किया
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