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मंत्रालयिक कर्मचारी सामुहिक अवकाश का दसवां दिन

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18 Aug 17
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राजसमन्द / राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर ८ अगस्त से निरन्तर चल रहे सामुहिक अवकाश के दसवें दिन गुरुवार को जिला मुख्यालय पर महासंघ के जिलाध्यक्ष छगन पालीवाल ने कहा है कि इस अभियान को अंगद का पांव बनना पडेगा तभी जाकर सरकार की नींद उडेगी और हमारी मांगों की ओर ध्यान आकर्षित करने को मजबूर होगी। तभी हमारा यह आन्दोलन सही मायने में सफल होगा।
सभा में उपस्थित मंत्रालयिक कर्मचारियों का प्रतिदिन सरकार के प्रति बढते आक्रोश को लेकर एक स्वर में कहा कि यदि सरकार यथाशीघ्र सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है तो आरपार की लडाई लडते हुए आमरण अनशन एवं हडताल जैसे कदम उठाने को मजबूर होंगे। धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मंत्रालयिक कर्मचारी सरकार की रीढ की हड्डी है लेकिन सरकार द्वारा इनके साथ किया जा रहा सौतेला व्यवहार कर्मचारियों में आक्रोश एवं निराशा के भाव उत्पन्न कर रहा है।
सरकार की सद्बुद्धि के लिए उपस्थित महिला कार्मिकों द्वारा श्रीकृष्ण वंदना एवं भजन कर भगवान से प्रार्थना की कि सरकार द्वारा जल्द हमारी मांगों पर निर्णय करने के लिए सद्बुद्धि दें।
इस अवसर पर मंत्रालयिक कर्मचारी सुरेश जोशी, मुकेश श्रीमाली, लादूलाल दाधीच, अवनिश भटनागर, महेन्द्र सिंह, लक्ष्मण सिंह चौहान, अनिल पानेरी, सत्यनारायण चौबीसा, रणजीत सिंह भाटी आदि वक्ताओं द्वारा सरकार द्वारा कर्मचारी हितों पर की जा रही कुठाराघात एवं सरकार के अडयल रूख को लेकर विस्तार से बताया और सरकार से कनिष्ठ लिपिक की ग्रेड-पे ३६०० करना, सचिवालय के समान वेतन एवं भत्ते एवं हाल ही वित्त विभाग द्वारा वेतन कटौती प्रस्ताव को वापस लेने आदि मांगों को यथाशीघ्र पूर्ण किया जाए। सभा का संचालन आशूसिंह ने किया।
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