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पेयजल प्रकृति का प्रसाद हैं - किरण

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15 Apr 15
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पेयजल प्रकृति का प्रसाद हैं - किरण राजसमन्द जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी एवं भूजल मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने कहा है कि पेयजल प्रकृति का प्रसाद है। इसका मितव्ययता से उपयोग करें। पानी का संरक्षण करना सभी का दायित्व हैं। शुद्ध पेयजल का मिलना स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक हैं। प्रदेश सहित राजसमंद में शुद्ध पेयजल की कमी नहीं आने दी जाएगी। सरकार इस दिशा में प्रयासरत है।
किरण माहेश्वरी मंगलवार को यहां जिला मुख्यालय पर तुलसी साधना शिखर पर राजस्थान शहरी आधार भूत विकास परियोजना, आर.यू.डी.आई.पी. द्वारा निर्मित राजसमंद शहरी जल प्रदाय योजना के लिए लगभग 27 करोड़ रूपये की लागत से बने जल शोधन संयत्र का विधिवत लोकार्पण करने के बाद आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि पद से सम्बोधित कर रही थी। उन्होंनेे कहा कि इस जल शोधन यंत्र को आगामी वर्ष 2041 तक की सभी संभावनाओ को दृष्टिगत रखते हुए तैयार किया गया है। अभी राजसमंद शहर की आबादी लगभग 80 हजार है और आनेवाले वर्ष 2041 मे यदि 2 लाख भी होती है तो यह प्लांट शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध रहेगा।
राजसमंद झील पर तुलसी साधना शिखर पर बने इस जल शोधन यंत्र मे इनटेक वेल 3 वीटी पम्प डीस्चार्ज से 500 क्यूबिक लीटर प्रति घण्टा शुद्ध पेयजल कराने की क्षमता हैं इसके प्रारम्भ होने से अब जनता को 135 लीटर पेयजल प्रतिदिन प्रति व्यक्ति जल आपूर्ति संभव हो सकेगी। जिससे सिविल लाईन, मालीवाडा, किशोर नगर, सेवाली, गारियावास, धोइन्दा, गणेश नगर, महेश नगर, गोविन्द नगर, स्वातिक नगर, जे.के सर्किल, वीर भानजी का खेडा भीलवाडा रोड़ नई आबादी आदि क्षेत्रो में शुद्ध पेयजल वितरण होगा। वितरण व्यवस्था के लिए 5 हजार 243 बन्द जल मीटरो को भी बदला गया हैं।
जलदाय मंत्री ने कहा कि राजसमंद झील में पानी की आवक बढ़े, इसके लिए देवास परियोजना के साथ ही माही से भी पानी लाने का प्रयास किया जा रहा हैं। भीलवाड़ा में तो चम्बल से पानी आ रहा है। इसे देवगढ तक लाने के बारे में मंथन चल रहा हैं। वही जिले के भीम क्षेत्र में ब्यावर के बीसलपुर से आने वाले पानी की भी संभावन को जोडा जायेगा। इसके अलावा जिले में पेयजल की समस्या नहीं रहे, इसके लिए लघु परियोजनाओं की भी स्वीकृतियां की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान से दिल्ली मे भेजी गई चार पेयजल योजनाओ मे एक राजसमंद के लिए है, जो देवास योजना हैं। यह अत्यन्त महत्वपूर्ण होगी। जिले में आने वाले समय में पेयजल की कोई कमी नहीं रहेगी। वही जलदाय विभाग राजस्थान भर में पेयजल की उपलब्धता बढ़ाने पर कार्य कर रहा हैं।
उन्होंने कहा कि राजसमन्द शहर मे 13 करोड़ रूपये की लागत से सड़को को बनवाया गया है। पाईप लाईन बदली गई हैं। रूडिप के माध्यम से सीवरेज का काम भी हुआ हैं। उन्होंने इसी के साथ धोइन्दा उपनगर में उच्च जलाश्य बनाने की भी घोषणा की। जिससे पेयजल वितरण व्यवस्था सुचारु हो सकेगी। राजसमंद में जल शोधन संयत्र के प्रारम्भ होने से शहर को शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा।
इस अवसर पर जिलाद्यक्ष भंवरलाल शर्मा, नगर परिषद के उपाध्यक्ष अर्जुन मेवाड़ा सहित विभिन्न वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम मे अतिरिक्त जिला कलक्टर गोविन्द सिंह राणावत, जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता नरेन्द्र धाकड़, रूडिफ एवं नगर परिषद के आयुक्त बृजमोहन बैरवा, महेश पालीवाल, जगदीश पालीवाल, श्याम सुन्दर पालीवाल, दिनेश पालीवाल, उप जिला प्रमुख सफलता गुर्जर सहित कई जन प्रतिनिधि आदि उपस्थित थें।
जल शोधन संयत्र का अवलोकन किया
जलदाय मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने शहरी जल प्रदाय योजना के जल शोधन संयत्र का लोकार्पण करने के बाद इसकी प्रक्रियाओ की जानकारी ली एवं अवलोकन किया।
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