व्यापम घोटाले के जैसे छोटे-मोटे मामले में पीएम का बोलना जरूरी नहीं
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07 Jul 15
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उदयपुर। केंद्रीय विधि एवं कानून सेवक सदानंद गौड़ा ने मध्यप्रदेश के बहुचर्चित क्रकिलर व्यापमञ्ज घोटाले को छोटा मामला बताया है और कहा है कि प्रधान सेवक का ऐसे छोटे मामले पर बयान देना उचित नहीं है। विपक्षी दलों द्वारा व्यापम घोटाले से जुड़े लोगों की संदिग्ध मौतों को लेकर घेरने की रणनीति के बीच श्री गौड़ा का यह बयान मोदी सरकार के लिए परेशानी का कारण बन गया है।
सदानंद गौड़ा ने व्यापम घोटाले को केंद्र सरकार से दूर रखते हुए इसे राज्य सरकार और कोर्ट का मामला बताया। इस मामले में उन्होंने अभी सीबीआई जांच की जरूरत भी नहीं बताई। विधि एवं न्याय मंत्रालय की बारहवीं हिन्दी सलाहकार समिति की प्रथम बैठक में भाग लेने के लिए आए केंद्रीय विधि एवं कानून सेवक सदानंद गौड़ा आज सुबह भाजपा पार्टी कार्यालय में आए, जहां पर शहर के भाजपा नेता और कई कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। सदानंद गौड़ा ने पार्र्टी कार्यालय में ही पत्रकार वार्ता में मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले पर कहा कि इसमे केंद्र सरकार कोई दखल नहीं दे सकती, क्योंकि अभी यह राज्य सरकार का मामला है। दूसरा इस मामले की सुनवाई कोर्ट में भी चल रही है। गौड़ा ने कहा कि अभी नहीं लगता कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए, लेकिन अगर राज्य सरकार ने चाहा और कोर्ट के आदेश हुए तो सीबीआई जांच भी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषी कोई भी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। सदानंद गौड़ा उदयपुर में पहली बार आए। पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते उदयपुर की खूबसूरती से अभिभूत होते हुए सदानंद गौड़ा ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन का पूरी तरह अनुसरण उदयपुर शहर ही कर रहा है। गौड़ा ने अपनी और भाजपा की मुख्य ताकत आम कार्यकर्ता को बताया। कार्यकर्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि पार्टी के आम कार्यकर्ताओं की वजह से आज भाजपा ने देश में 30 वर्षों बाद पूर्ण बहुमत प्राप्त कर स्थिर सरकार बनाई है। श्री गौड़ा ने कहा कि आने वाले पांच वर्षों का कार्यकाल सर्वश्रेष्ठ कार्यकाल होगा, जिसमें विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। गौड़ा ने कहा कि प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अभी तक किसी राजनेता पर घोटाले या भ्रष्टाचार का कोई काला धब्बा नहीं लगा है, जबकि पूर्व में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अखबार सिर्फ भ्रस्टाचार और घोटालों की खबरों से भरे हुए होते थे। पार्टी कार्यालय में नगर निगम महापौर चंद्रसिंह कोठारी, पूर्व महापौर रजनी डांगी, प्रमोद सामर, कुंतीलाल जैन, प्रेमसिंह शक्तावत आदि नेताओं ने स्वागत किया।
हाईकोर्ट बैंच का कोई प्रस्ताव नहीं : केंद्रीय विधि कानून सेवक सदानंद गौड़ा ने उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच स्थापित करने की बात पर कहा कि उनके पास अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। चीफ जस्टिस और मुख्य सेवक द्वारा उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच का संयुक्त प्रस्ताव भेजा जाएगा, तो वे जरूर इस पर विचार करेंगे। आज सुबह आंदोलन कर रहे अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मंडल भी केेंद्रीय विधि एवं कानून सेवक से मिला और हाईकोर्ट बैंच की स्थापना के लिए ज्ञापन दिया। उनको भी गौड़ा ने यही कहा कि यहां से मुख्य सेवक और चीफ जस्टिस का संयुक्त प्रस्ताव आना जरूरी है, तभी इस और प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे।
हिंदी सलाहकार समिति की बैठक : आज सुबह 10 बजे से द ललित लक्ष्मी विलास होटल में विधि एवं न्याय मंत्रालय की बारहवीं हिन्दी सलाहकार समिति की प्रथम बैठक शुरू हुई। इससे पूर्व केंद्रीय न्याय सेवक सदानंद ने गौड़ा दीप प्रज्वलित कर बैठक का शुभारंभ किया और अपना अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। विधि विभाग के सचिव, सलाहकार समिति के सचिव सदस्य द्वारा भी उद्बोधन दिया गया। दोपहर बाद कार्यसूची की मदों पर विचार-विमर्श किया जाएगा एवं अध्यक्ष की अनुमति से अन्य विषयों पर चर्चा की जाएगी।
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