नई दिल्ली । राजस्थान के परिवहन मंत्राी श्री युनुस खान की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा और परिवहन प्रणाली को दुरूस्त बनाने हेतु गठित मंत्राी समूह की पहली बैठक दिल्ली में संपन्न हुई। मंत्राी समूह द्वारा गहन मंथन करने के बाद अपनी प्रथम अंतरिम रिपोर्ट केन्द्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्राी श्री नितिन गडकरी को उनके आवास पर सौंपी।
मंत्राी समूह की सिफारिशों की जानकारी देते हुए मंत्राी समूह के अध्यक्ष श्री युनुस खान ने बताया कि समूह द्वारा देशभर की सड़क सुरक्षा एवं परिवहन प्रणाली को बेहतर, सुगम, सुरक्षित एवं आधुनिक बनाने के लिए कईं महत्वपूर्ण सुझावों की सिफारिश की है। जिनमें प्रमुख रूप से रोड नियमन सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान कानूनों का उन्नयनीकरण, सेेट्रल मोटर व्हीकल रूल्स में संशोधन कर देश के लिए एकीकृत आवेदन प्रणाली लागू करने, देश भर में समग्र वाहन जांच प्रणाली लागू करने, राष्ट्रीय रोड सुरक्षा प्रबंधन बोर्ड की स्थापना कर देश भर मंे इसके रीजनल सेंटर स्थापित करने, लर्निंग लाईसेंस की प्रक्रिया को ऑनलाईन बनाने के साथ-साथ ओवर स्पीडिंग, ओवर लोडिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाने और नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने अथवा दुर्घटना की स्थिति में परिजनों की जिम्मेदारी निर्धारित संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव शामिल है।
श्री युनुस खान ने बताया कि आम आदमी को टैªफिक नियमों की जटिलता एवं उनके नाम पर हो रहे शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए महत्वपूर्ण सुझावों में लर्निंग लाईसेंस बनाने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को खत्म करने, ड्राईविंग लाईसेंस की मान्यता सीमा को बढ़ाने, नवीन वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट प्रति वर्ष की स्थान पर प्रारंभ में तीन वर्ष और उसके बाद प्रत्येक दो वर्ष में रिन्यू करने, व्यवसायिक वाहनों के तृतीय पक्ष इंश्योरेंस में वाहन चालकों को भी शामिल करने, व्यवसायिक वाहन चालकों के लिए डैªस कोड खत्म करना शामिल है।
श्री खान ने बताया कि मंत्राी समूह की सिफारिशों में कहा गया है कि सार्वजनिक एवं व्यवसायिक परिवहन के साधनों मंे जी.पी.एस. सिस्टम, कैमरें, हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट, सी.सी.टी.वी. आदि आधुनिक उपकरण वाहन निर्माता द्वारा ही संधारित किए जाएगें।
नई दिल्ली के हेबीटेट सेंटर में आयोजित सात सदस्यीय राज्य परिवहन मंत्रियों के मंत्राी समूह की प्रथम बैठक में 12 राज्यों के परिवहन मंत्रियों एवं उनके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। जिसमें श्री युनुस खान सहित आंध्रप्रदेश, बिहार, गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मिजोरम, उड़ीसा, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, तेलंगाना एवं मेघालय के परिवहन मंत्रियों के अतिरिक्त राज्य एवं परिवहन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।