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हिन्दुस्तान जिंक के ‘ऊंची उड़ान’ ने दिये पर, सपनों ने भरी उड़ान

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18 Jun 19
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हिन्दुस्तान जिंक के ‘ऊंची उड़ान’ ने दिये पर, सपनों ने भरी उड़ान

रानी की खुशी को शायद हम उसकी चमकती आंखों में देख सकते है, जो कि अब से तीन साल पहले तक ये भी नहीं समझ पा रही थी की उसकी खुली आंखों से देखे सपने पुरे कैसे होगें?  लेकिन उसकी मेहनत, लगन और जज्बें ने उसे आज देश के बेहतरीन इंस्टीट्यूट में टेक्नोक्रेट्स बनने का मौका दे दिया। इस कामयाबी के लिए उसका साथ दिया हिन्दुस्तान ज़िंक के ऊंची उड़ान कार्यक्रम ने जिसमें रानी ने दो वर्षो तक कठिन परिश्रम और सफलता के हौसलें से आईआईटी में चयनित होकर अपने सपनों को हकीकत में बदल दिया। 

रेलमगरा राजसमंद की रानी खटीक की तरह ही, हुरडा भीलवाड़ा का संजय जैन, मावली के लक्ष्मण जीनगर ने आईआईटी में चयनित होकर न केवल अपने सपनों को उंची उड़ान दी है बल्कि फिर एक बार मिसाल कायम की है गुदडी के लाल भी देश में कम नहीं है। 

रानी ने अपनी नवीं कक्षा के बाद की पढ़ाई खुद के हौंसलें से की तो वहीं लक्ष्मण के दिव्यांग पिता के सहयोग से उनके और अपने सपनें को पूरा किया। लक्ष्मण और उसके परिजनों को दो साल पहलें तक आईआईटी के ककहरा का नही पता था लेकिन अब वह किसी भी सवाल का अंग्रेजी में उत्तर दे कर उत्साहित है। हुरडा़ के संजय का शुरू से ही आईआईटी के लिए रूझान था जिसे उसने पहले ही प्रयास में पुरा कर लिया। 

इन बच्चों के लिए देश के आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश से पहले का सफर उन शहरी बच्चों से ज्यादा कठिन रहा है जिनका चयन हुआ है। दूरदराज़ के ग्रामीण क्षेत्र में हिन्दी माध्यम से पढ़ाई, घर से दूर 2 वर्षों तक कोचिंग और माहौल में बदलाव आसान नहीं था लेकिन इन नौनिहालों ने इस सब के बावजूद सफलता की ओर कदम बढ़ाए। आज इनका आत्मविश्वास दूसरों के लिए प्रेरणा से कम नही है। 

हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा ग्रामीण बच्चों के सपनों को साकार करने के लिए उन्हें उच्च शिक्षा से जोड़ने हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रम ऊंची उड़ान के लिए इस वर्ष कुल 24 बच्चों ने जेईई मेन्स के लिए परीक्षा दी थी जिनमें से 11 बच्चों- 3 बालिकाएं एंव 8 बालकों का चयन जेईई एडवांस के लिए हुआ। इनमें से 3 बच्चों ने आईआईटी और एक ने एनआईटी में सफलता हांसिल की। अन्य बच्चें राजस्थान में इंजिनियरिंग के लिए होने वाली प्रवेश प्रक्रिया परीक्षा ‘रीप‘ के लिए मेहनत कर रहें है। 

हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल ने कहा  कि “हिंदुस्तान जिं़क को संजय, लक्ष्मण और रानी की सफल यात्रा का हिस्सा होने पर गर्व है जो हमारे कार्यक्रम ऊंची उड़ान के माध्यम से आईआईटी और एनआईटी के लिए चुने गए हैं। हम उन्हें बधाई देते हैं क्योंकि वे भारत में शीर्ष टेक्नोक्रेट्स बनने की यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। यह कार्यक्रम मेरे दिल के बहुत करीब है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, हम वंचित छात्रों के समावेशी विकास एवं उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ते है जो एक प्रगतिशील राष्ट्र के निर्माण में योगदान करते हैं।

‘ऊंची उड़ान’ कार्यक्रम के बारे में 
कंपनी अपनी इकाईयों के आस-पास रहने वाले लोगों की शिक्षा, सामाजिक एवं आर्थिक विकास के प्रति सदैव कटिबद्ध है। उन्होंने बताया कि जिं़क द्वारा ग्रामीण बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा सम्बल एवं ऊंची उड़ान जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत आर्थिक रूप से असक्षम चयनित विद्यार्थियों को आई.आई.टी. एवं अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए उत्कृष्ट कोचिंग प्रदान की जा रही है।

यह उदयपुर में दो वर्षीय स्कूल एकीकृत आवासीय कोचिंग है। रेज़ोनेन्स एडवन्चर्स प्रा.लि. एवं विद्या भवन कोचिंग के लिए भागीदार संस्थाएं हैं। इन छात्रों को मार्गदर्शन के साथ स्कूल की नियमित पढ़ाई कराने की जिम्मेदारी भी पूरी की जा रही है। छात्रों को विद्यालय, छात्रावास और अन्य सुविधाओं के लिए विद्या भवन, उदयपुर सहयोगी है । 


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