GMCH STORIES

मुख्यमंत्री की केन्द्रीय खान मंत्री के साथ वीसी

( Read 9129 Times)

21 Jul 21
Share |
Print This Page
मुख्यमंत्री की केन्द्रीय खान मंत्री के साथ वीसी

जयपुर, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में खनिज संपदा के विपुल भण्डार मौजूद हैं। इनका वैज्ञानिक एवं पर्यावरण अनुकूल तरीके से समुचित दोहन देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। उन्होंने राजस्थान में खनन क्षेत्र की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र के स्तर पर लंबित मुद्दों के जल्द समाधान को लेकर पुरजोर पैरवी की। 

श्री गहलोत 20 जुलाई को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केन्द्रीय खान मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी के साथ राजस्थान में खनन से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने खनन के लिए पर्यावरण स्वीकृतियों में लगने वाली देरी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और कहा कि केन्द्रीय खान मंत्रालय पर्यावरण मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर पर्यावरणीय स्वीकृतियां जल्द दिलाने में सहयोग करे, इससे देश के सभी राज्यों को खनन गतिविधियों को आगे बढ़ाने में आसानी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज ब्लॉक्स की नीलामी के बाद खनन पट्टा जारी करने की कार्यवाही जल्द की जाए। इससे खनिज विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी सुलभ हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) एवं मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमईसीएल) द्वारा अन्वेषण रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले इस बात का परीक्षण कर लिया जाए कि संबंधित खनिज ब्लॉक व्यावसायिक दृष्टि से खनन के लिए उपयुक्त है या नहीं। 

श्री गहलोत ने कहा कि देश में खनिज अन्वेषण को गति देने के लिए नेशनल माइनिंग एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) का गठन किया गया। राजस्थान ने भी इसमें लगभग 256 करोड़ का अंशदान दिया है। राज्य में लाइम स्टोन, कॉपर एवं आयरन के प्रचुर भण्डार की संभावनाएं होने से इन खनिजाें के अधिक से अधिक अन्वेषण की आवश्यकता है। राज्य ने कॉपर, आयरन एवं पोटाश के 5 प्रोजेक्ट्स के प्रस्ताव भेजे थे, लेकिन एनएमईटी ने इन प्रोजेक्ट्स को अस्वीकार कर दिया। राजस्थान की मात्र 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अंशदान के अनुरूप प्रदेश में अन्वेषण प्रोजेक्ट्स मंजूर किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधान खनिजों से राजस्थान को करीब 70 प्रतिशत रॉयल्टी मिलती है। इनकी रॉयल्टी दरों में केन्द्र सरकार ने विगत 3 वर्ष से भी अधिक समय से संशोधन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा रॉयल्टी की दरों में संशोधन के लिए भेजे गए प्रस्तावों पर शीघ्र निर्णय लिया जाए ताकि कोविड के इस चुनौतीपूर्ण दौर में राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी हो सके, जिससे विकास कायोर्ं को गति मिल सके।

मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा विगत दिनों एमएमडीआर एक्ट में किए गए संशोधनों का स्वागत करते हुए कहा कि इन संशोधनों से राज्य में खनिज विकास को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि संशोधनों से राज्य को 42 ब्लॉक्स मिले हैं। इनका परीक्षण करवाया जा रहा है। लगभग 16 ब्लॉक्स की मार्च, 2022 तक नीलामी के प्रयास किये जा रहे हैं। शेष प्रकरणों की परीक्षण के आधार पर नीलामी की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने राज्य के खनिज विकास संबंधित अन्य मुद्दों पर भी सकारात्मक रूख के साथ कार्यवाही किए जाने की अपेक्षा की।

केन्द्रीय खान मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के सकारात्मक सहयोग से देशभर में खनन गतिविधियों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि केन्द्रीय खान मंत्रालय राजस्थान से जुड़े खनन मुद्दों पर जल्द कार्यवाही सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में खनिज अन्वेषण को गति देने के लिए एनएमईटी की फण्डिंग को बढ़ाया जाएगा।

खान मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने कोविड प्रबंधन के लिए डिस्टि्रक्ट मिनरल फण्ड ट्रस्ट से राशि के उपयोग की सीमा बढ़ाने, खनन श्रमिकों के कल्याण के लिए स्टेट मिनरल फण्ड को फिर से शुरू करने, एलडी और सीमेंट ग्रेड के अलावा अन्य लाइम स्टोन को अप्रधान खनिज घोषित करने, पोटाश की रॉयल्टी एवं विक्रय मूल्य का निर्धारण जल्द करने, लौह अयस्क की खोज के लिए एनएमईटी से फण्डिंग करने, बजरी खनन की गाइडलाइन्स की समीक्षा कर उचित निर्णय लेने सहित अन्य मुद्दों के जल्द समाधान की मांग रखी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव खान श्री सुबोध अग्रवाल ने प्रदेश में खनन गतिविधियों एवं लंबित प्रस्तावों के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि नॉन वकिर्ंग खानों को चिन्हित कर उनमें कार्य शुरू करने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एमएमडीआर एक्ट के प्रावधानों के तहत सीसा, जस्ता एवं तांबे के खनन पट्टों के अधिकतम क्षेत्रफल निर्धारण के लिए राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को विभिन्न स्तर पर पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है। उन्होने आग्रह किया कि इस पर सकारात्मक रूप से निर्णय लिया जाए। साथ ही, लाइम स्टोन के माइनर ब्लॉक्स की नीलामी की अनुमति भी मिले।

बैठक में केन्द्रीय खान राज्य मंत्री श्री रावसाहेब दान्वे तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार के खान विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Headlines
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like