आज आधुनिक दौर में चहेरे की झुर्रियों और आयु को छिपाने की नाकाम कौशिशें की जा रही है वहीं उनका साईड इफ़ेक्ट देखने को भी मिल रहा हैं । क्या एंटी एजिंग या अन्य प्रसाधनों द्वारा उम्र को छिपाई जा सकती हैं ? आजकल आपने ऐसे कई लोगों का नाम सुना होगा जो एंटी एजिंग या न्यूरोटॉक्सिन दवाओं का प्रयोग सिर्फ़ इस लिये कर रहे हैं कि वे हमेशा जवान दिख सकें , उनके झुर्रियाँ ना पड़े जिससे की वे अपने जलवे बिखेर सकें । मगर उनमें साईड इफ़ेक्ट देखा जा रहा है, यहाँ तक की जान भी गवांई जा रही हैं । ये एंटी एजिंग दवाईयां कुदरत को चैलेंज देने के साथ शरीर में कई प्रकार के साईड इफ़ेक्ट पैदा करती हैं इनसे बचना चाहिए ।
त्वचा की सही देखभाल हर्बल यूनानी चिकित्सा द्वारा आसानी से की जा सकती है । हर्बल यूनानी दवाओं और रेजीमेंटल थैरेपियों में किसी प्रकार का कोई हानिकारक रसायन नहीं होते हैं ।बल्कि यह प्राकृतिक है और त्वचा को प्राकृतिक स्वरूप देने में मददगार होती हैं ।
यूनानी चिकित्सा—-
1. रेजीमेंटल थैरेपी —इस रेजीमेंटल थैरेपी में फेसिअल हिज़ामा थैरेपी करते हैं जिसे अनुभवी यूनानी चिकित्सक द्वारा ही करवानी चाहिए ।
2. कॉस्मैटिक थैरेपी—इसे कई प्रकार से किया जाता हैं इनमें से कुछ को यहाँ बताया जा रहा हैं—-
A. ज़ैतून के तेल की तीन बूँदे और अर्क गुलाब की तीन बूँदें मिक्स करके प्रातःकाल गालों को फूला कर तीन से चार मिनट मालिश करें फिर चहेरे पर भाप लें इस प्रक्रिया को दो तीन बार दोहराएं ।
B. मुल्तानी मिट्टी में बकरी का कच्चा दूध , ज़ैतून तेल, हल्दी , शहद और देसी आँकड़े की दो बूँद दूध को मिलाकर चहेरे पर लेप करें । सूखने पर गुनगुने पानी से धो लें ।
C. गुनगुनें पानी में फिटकरी घोल कर चहेरे या शरीर को धोयें ।
D. अर्क गुलाब में सुपारी के फूल को रात भर गला कर चहेरे या शरीर को धोयें ।
E. घी ग्वार के गूदे से नित्य चहेरे की मालिश करें ।
3. चिकित्सीय उपचार—
A. कतीरा गोंद पानी में रात भर गला कर सुबह खाली पेट खायें ।
B. उड़द की दाल के लड्डू बना कर खाली पेट खायें ।
C. सुबह खाली पेट घीग्वार का गुदा खाना चाहिये ।