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केन्‍द्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन की सीएसआईआर का सहयोग बढ़ाने के लिए ढांचा विकसित करने की सिफारिश

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10 Jun 21
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-नीति गोपेन्द्र भट्ट

केन्‍द्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन की सीएसआईआर का सहयोग बढ़ाने के लिए ढांचा विकसित करने की सिफारिश

नई दिल्‍ली, केन्‍द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्‍वी विज्ञान, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन को आज सीएसआईआर की अति महत्‍वपूर्ण समिति ने अपनी सिफारिशों से अवगत कराया । प्रो. के. विजय राघवन की समिति की रिपोर्ट के कार्यान्‍वयन के तहत सीएसआईआर की अति महत्‍वपूर्ण समिति का गठन टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के पूर्व सीईओ और एमडी श्री एस रामादोरई की अध्यक्षता में किया गया था और आठ क्षेत्र-वार उप समितियां बनायी गई थीं । प्रो. के. विजय राघवन समिति का गठन सीएसआईआर को नया रूप देने पर विचार करने के अलावा विशेष रूप से भारतीय उद्योग जगत को प्रौद्योगिकीय सहायता प्रदान करने और उद्योग जगत के साथ सुचारू संपर्क पर फोकस देने के लिए किया गया था । इन सिफारिशों के कार्यान्‍वयन से सीएसआईआर 21वीं शताब्‍दी का वैश्‍विक प्रतिस्‍पर्धी संगठन बनेगा । अति महत्‍वपूर्ण समिति के अन्‍य सदस्‍य, डॉ. विलास सिनकर, सुश्री संगीता रेड्डी, सुश्री निरुती राय, डॉ. विजय के. भटकर, डॉ. वी. सुमंत्रण, प्रो. ऋषिकेशा कृष्‍णन, श्री संजीव सान्‍याल, डॉ. राज हिरवानी अपने अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ हैं ।

इस अवसर पर केन्‍द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्‍वी विज्ञान, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि सरकार बौद्धिक संपदा के उपयोग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के नेतृत्‍व में समावेशी और टिकाऊ विकास के सपने को साकार करने में वैज्ञानिक समुदाय की श्रेष्‍ठता और निष्‍ठा पर ध्‍यान केन्‍द्रित कर रही है । यह महत्‍व का विषय है कि पिछले सात वर्ष के दौरान राष्‍ट्रीय प्राथमिकताओं के लिए  वैज्ञानिकों ने अनुसंधान और विकास का बेहतर तरीके से उपयोग किया है ।

डॉ. हर्ष वर्धन ने सुझाव दिया कि ‘जनता के लिए विज्ञान और विज्ञान के लिए जनता’ की अवधारणा अनुसंधान और विकास परियोजनाओं में उद्योग जगत और अकादमिक के बीच सहयोग बढ़ाने पर फोकस दिए जाने की आवश्‍यकता  है । युवा वैज्ञानिकों को आकर्षित करने के लिए ‘जिज्ञासा’ कार्यक्रम के अनुरूप अलग तरीके से सोचने की आवश्‍यकता है जिनमें उत्‍साही युवा पीढ़ी की भागीदारी के साथ आधुनिक विचारों को सुनिश्‍चित करने के लिए नए अनुसंधान हो सकें । उन्‍होंने यह भी कहा कि सरकार सामान्‍य जन को फायदा पहुंचाने के उद्देश्‍य से नई पहल पर काम करने के लिए कई स्‍टार्ट-अप को सहयोग दे रही है ।

डॉ. हर्ष वर्धन ने सलाह दी कि वर्तमान प्रयोगशालाओं के पास उपलब्‍ध उच्‍च श्रेणी के ढांचे से सामान्‍य जन की दैनिक आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने वाले विषयों पर अनुसंधान की संभावनाओं का पता लगाया जाना चाहिए । उन्‍होंने बताया कि प्रयोगशाला में विकसित की गई प्रौद्योगिकियों और किफायती दाम पर सामान्‍य जन को उपलब्‍ध इनके फायदों के बीच खाई को तत्‍काल पाटने की आवश्‍यकता है । उन्‍होंने वैज्ञानिक समुदाय से अपील की कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जरिए देश की समस्‍याओं का समाधान निकालने पर फोकस दिया जाना चाहिए और जिसे केवल विजन और रोड मैप से हासिल किया जा सकता है ।      

डॉ. हर्ष वर्धन ने यह भी कहा कि भारत 2022 में स्‍वतंत्रता का 75वां वर्ष मनाएगा और माननीय प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार वैज्ञानिक समुदाय को “न्‍यू इंडिया” का स्‍वप्‍न साकार करने के लिए काम करना होगा । उन्‍होंने जोर देकर कहा कि सीएसआईआर के पास “न्‍यू सीएसआईआर” बनने की सक्षमता है जो 21वीं शताब्‍दी में वैश्‍विक रूप पर प्रतिस्‍पर्धी तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जरिए सामान्‍य जन की समस्‍याओं को दूर करने में योगदान कर सके ।

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सचिव और सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी.मांडे ने भरोसा दिलाया कि सीएसआईआर समयबद्ध तरीके से  अति महत्‍वपूर्ण समिति की सिफारिशों को लागू करेगा ताकि भारतीय उद्योग के लिए सीएसआईआर का प्रौद्योगिकीय सहयोग बढ़ाया जाए तथा वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी तथा नवाचार में वैश्‍विक नेतृत्‍व की दिशा में देश का नेतृत्‍व कर सके ।  


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