नई दिल्ली | विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वाथ्य और परिवार कल्याण तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन और कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास और पंचायतीराज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने वीडियो लिंक के जरिए आज भारत में नैनो आधारित एग्री-इनपुट और खाद्य उत्पादों के मूल्यांकन के दिशा-निर्देश जारी किए। इन दिशा-निर्देशों को जैव प्रौद्योगिकी विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं संरक्षा मानक प्राधिकरण और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के समन्वित अंतर-मंत्रालय प्रयासों से तैयार किया है। इस अवसर पर पंचायतीराज, कृषि और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री परषोत्तम खोडाभाई रूपाला, सचिव जैव प्रौद्योगिकी विभाग डॉ. रेनू सरुप, कृषि और किसान कल्याण विभाग के सचिव श्री संजय अग्रवाल, एफएसएसआई के सीईओ श्री अरूण सिंगल और सरकार, अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ उपस्थित थे।
इस अवसर पर डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “नैनो बायो टेक्नोलॉजी में पौध की उत्पादकता में वृद्धि और देश की बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्य की आवश्यकता की बदलती जरूरत को पूरा करने के लिए बेहतर फसल सुरक्षा की क्षमता है।” उन्होंने कहा, “फसलों में रासायनिक अंश की थोक जरूरत के बदले नैनो-पोषक तत्वों के इस्तेमाल से जमीन में पोषक तत्वों के बेकार जाने में कमी लाई जा सकती है और इसी तरह भू-जल को भी बचाया जा सकता है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी। भारत सरकार, विभाग और इसकी एजेंसियां नैनो टेक्नोलॉजी के विभिन्न कार्यक्रमों में सहयोग दे रहे हैं।” वैज्ञानिक को बधाई देते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “इन दिशा-निर्देश से भारत में एग्री इनपुट और खाद्य क्षेत्र में भावी नोवेल नैनो आधारित उत्पादों के प्रभावी प्रावधान बनाने में नीति निर्धारकों और विनियामकों को मदद मिलेगी और इससे भारत के नवाचार और उद्योगों को इन क्षेत्रों में नैनो आधारित नये उत्पाद को वाणिज्यिक तौर पर विकसित करने में भी सहायता मिलेगी।”
कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा, “इन दिशा-निर्देशों के बनने से नोवेल नैनो संविन्यास (फार्मूयूलेशन) की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता मूल्यांकन को निरोपित करने के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है, जिससे इनको वाणिज्यिक रूप दिया जा सकेगा।” उन्होंने कहा, “इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य भारत में नैनो आधारित एग्री इनपुट और खाद्य उत्पादों के लिए पारदर्शी, सतत् और अनुमानात्मक विनियमन के मार्ग प्रदान करना है।” कृषि मंत्री ने कहा, “नैनो प्रौद्योगिकी और नैनो आधारित उत्पादों के कार्य को देख रहे मंत्रालयों और विभागों की एक बेहतरीन पहल है।” उन्होंने कहा कि ये दिशा-निर्देश 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
वर्तमान दिशा-निर्देश नैनो एग्री इनपुट उत्पादों और नैनो एग्री उत्पादों ये दिशा-निर्देश नैनो कम्पोजिट और सेंसरों पर लागू होगें और उनके लिए भी सुविधाजनक होंगे, जो फसलों, खाद्य और डेटा प्राप्त करने के लिए सूचना प्राप्त करते हैं।