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उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए राजभाषा पुरस्‍कार प्रदान

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14 Sep 19
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उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए राजभाषा पुरस्‍कार प्रदान

राष्ट्र आज हिंदी दिवस मना रहा है। संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 में देवनागरी लिपि में हिंदी को राजभाषा के रूप में मान्यता दी थी।
 
गृहमंत्री अमितशाह ने हिंदी दिवस के अवसर पर आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में कहा कि किसी देश की पहचान के प्रतीक स्वरूप जन सामान्य की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है। उन्‍होंने कहा कि हिन्‍दी वह भाषा है, जिसमें पूरे भारत को एकजुट रखने की क्षमता है। उन्‍होंने कहा कि हिन्‍दी और दूसरी भारतीय भाषाओं का विकास साथ-साथ होना चाहिए। 
 
अमित शाह ने हिन्‍दी को देश भर में एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि देश की विविध भाषाएं और बोलियां इसकी शक्ति हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार हिन्‍दी को कानून और न्‍याय, विज्ञान तथा चिकित्‍सा जगत के साथ-साथ सभी क्षेत्रों की भाषा बनाने के लिए सभी प्रयास करेगी। उन्‍होंने लोगों से अधिक से अधिक हिन्‍दी का इस्‍तेमाल करने और ''एक राष्‍ट्र एक भाषा'' के महात्‍मा गांधी और सरदार पटेल के सपने को पूरा करने में योगदान की अपील की।
 
इससे पहले, गृहमंत्री ने हिन्‍दी दिवस के अवसर पर  राजभाषा पुरस्‍कार प्रदान किए। उन्‍होंने विभिन्‍न विभागों, मंत्रालयों और कार्यालयों के प्रमुखों को हिन्‍दी भाषा को प्रोत्‍साहन देने में उल्‍लेखनीय प्रदर्शन के लिए पुरस्‍कार प्रदान किए। गृह राज्‍यमंत्री नित्‍यानंद राय और जी. किशन रेड्डी भी इस मौके पर मौजूद थे।

केंद्रीय पर्यावरण एवं वन तथा सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने हिन्‍दी दिवस के मौके पर आकाशवाणी से बातचीत की। यह बातचीत पुणे में जिला कलेक्‍टर के कार्यालय में हुई बैठक के बाद हुई।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस अवसर पर देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। एक ट्वीट में उन्‍होंने कहा कि हिन्‍दी ने अभिव्‍यक्ति में सहजता, सरलता और शालीनता की भावना को बहुत सुंदर ढंग से आत्‍मसात किया है। 


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