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सीटीएई में लगा भव्य कृषि यंत्र एवं तकनीकी प्रदर्षन मेला

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14 Feb 20
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सीटीएई में लगा भव्य कृषि यंत्र एवं तकनीकी प्रदर्षन मेला

उदयपुर  महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विष्वविद्यालय के अनुसंधान निदेषालय में संचालित अखिल भारतीय कृषि  अनुसंधान परियोजनाओं (कृषि  अभियांत्रिकी) द्वारा  सी टी ए ई में कृषि यंत्र एवं तकनीकी प्रदर्षन मेले का आयोजन किया गया जिसमें  उदयपुर सम्भाग के लगभग 1500 किसान एवं कृषि विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस मेले में परियोजनाओं द्वारा विकसित की गयी विभिन्न तकनीकी तथा अधुनिक यंत्रों को प्रदर्षित किया गया। जिनमें ट्रैक्टर एवं पषु चलित यंत्र, सिंचाई की आधुनिक विधियां, मल्चिंग, लो टनल खेती, श्रम साध्य एवं उन्नत टूल, कृषि एवं में सौर एवं नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के साथ साथ कृषि प्रसंस्करण की उन्नत विधियों को प्रमुख रूप से बताया गया। परियोजनाओं के अलावा ट्रैक्टर एवं कृषि यंत्र निर्माताओं ने भी आधुनिक तकनीकियों को मेले में प्रदष्ति किया गया।
मेले में मुख्य अतिथि पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा ने कृषि में यंत्रों के उपयोग द्वारा किसानों की आय बढाने का आव्हान किया। उन्होंने कृषि के साथ पषुपालन तथा उद्यानकी को अपनाने पर जोर दिया एवं वह स्वयं आज भी खेती से सीधे जुड़े हुए हैं। पूर्व सांसद ने बताया कि कई आदिवासी क्षेत्रों में नई तकनीकि अपनाने के कारण जीवन स्तर में बदलाव आया है।
विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो.नरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि कृषि में ऊर्जा का उपयोग बढने से उत्पादकता में वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि हमारे देष में विष्व में सर्वाधिक ट्रैक्टरों का निर्माण करता है फिर भी कृषि  में ऊर्जा का उपयोग बहुत कम है। उन्होंने बताया कि कृषि के माध्यम से किसान और देष की खुषहाली के लिऐ हम सब का सामूहिक उत्तरदायित्व है।  
अनुसंधान निदेषक डॉ. अभय कुमार महता ने सभी का स्वागत किया साथ ही उन्होने बताया कि इस वर्ष विष्वविद्यालय ने मक्का की एक, मूंगफली की दो तथा चने की एक नई किस्में विकसित की है।
क्षेत्रीय अनुसंधान निदेषक डॉ एस के शर्मा ने विष्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न अनुसंधान कार्यों की जानकारी दी। महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. अजय कुमार शर्मा ने कुषि मे यंत्रीकरण को अपनाने हेतु किसनों से तीन नारे लगवाये।
“मेहनत हम करेंगे, यंत्रीकरण अपनायेंगे।“
“उत्पादकता बढायेंगे, यंत्रीकरण अपनायेंगे।“
“ खेती में लागत कम करेंगे, यंत्रीकरण अपनायेंगे।“
मेले के संयोजक प्रो. सीताराम भाकर ने इस मेले के विभिन्न गतिविधयों का विवरण देते हुए बताया कि यह मेला उदयपुर सम्भाग के किसानों के लिये लाभदायी सिद्ध होगा। प्रदर्षनी में भाग लेने वाले अनुसंधान परियोजनाओं तथा कृषि यंत्र निर्माता एवं डीलर की जानकारी दी।
सोलर टोपी एवं साइकिल स्प्रेयर रहा किसानों के कोतुहल का विषय।
मेले में कृषि में श्रम विज्ञान एवं सुरक्षा पर चल रही अनुसंधान परियोजना द्वारा विकसित सोलर टोपी को किसानों ने पहन कर धूप में ठंडी हवा का आनन्द लिया वहीं पूर्व सांसदने भी टोपी पहन कर सुखद अनुभव किया। डॉं सांवल सिंह मीणा ने बताया कि इस परियोजना में एक वाषेबल डस्ट मास्क भी विकसित किया है जो कि किसानों को धूलकणों से होने वाली सिलकोसिस एंव अस्थामा से बचाव करेगा।  साइकिल स्प्रेयर को किसानों ने चला कर देखा एवं बताया कि यह उनके लिये बहुत उपयोगी उपकरण है।


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