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स्वच्छ भारत अभियान-भ्रमित करने वाला नारा

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10 Aug 15
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जयपुर, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री सचिन पायलट ने भाजपा सरकार के स्वच्छ भारत अभियान पर केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा देश के 476 शहरों की सर्वेक्षण रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वच्छ भारत अभियान को भाजपा सरकार की विफलता बताते हुए इसे भाजपा का जनता को भ्रमित करने वाला नारा बताया है।
श्री पायलट ने आज एक बयान जारी कर कहा कि भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की समस्त योजनाओं का नाम बदलकर वाहवाही लूटने का प्रयास किया है। इसी क्रम में पूर्ववर्ती सरकार की निर्मल भारत योजना का नाम बदलकर स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर एक नारा जारी कर प्रधानमंत्री ने इसे जन अभियान का नाम दिया। सरकार का यह प्रयास दिखावटी साबित हुआ है और इसकी प्रगति पर जारी शहरी विकास मंत्रालय की रिपोर्ट ने भाजपा शासित राज्यों की कलई खोल दी है। मंत्रालय के सर्वेक्षण ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा शासित राज्यों ने प्रधानमंत्री के इस अभियान को कितनी संजीदगी के साथ लिया है क्योंकि प्रदेश की राजधानी जयपुर को देश के राज्यों की स्वच्छ राजधानियों में 27वाँ स्थान प्राप्त हुआ है तथा शहरों में हुए सर्वेक्षण में जयपुर को 370वाँ स्थान प्राप्त हुआ है, इसी प्रकार प्रधानमंत्री के राज्य गुजरात की राजधानी को 310वाँ स्थान मिला है और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, झारखण्ड की राजधानी राँची, महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई और मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सफाई के मामलें में कसौटी पर खरे उतरने में पूरी तरह से विफल रहे है। उन्होंने कहा कि सफाई के नाम पर अभियान चलाकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए जिस प्रकार से भाजपा नेताओं ने फोटो खिंचवाने की होड़ दिखाई थी वैसी दिलचस्पी सफाई को लेकर भाजपा शासित राज्यों में देखने को नहीं मिली। इसके विपरीत कांग्रेस शासित कर्नाटक व केरल के बैंगलूरू व तिरूवनंतपुरम 7वें तथा 8वें स्थान पर रहे जो बताता है कि कांग्रेस शासित राज्यों में जनसुविधाओं के प्रति गम्भीरता रहती है।
उन्होनें कहा कि उक्त रिपोर्ट ने साबित किया है कि काम करवाने के लिए नारों से ज्यादा इच्छाशक्ति और बजट की आवश्यकता होती है। भाजपा ने सफाई व्यवस्था के लिए पूर्ववर्ती यूपीए द्वारा जारी वार्षिक बजट में 6 हजार करोड़ की कटौती की है साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा के राज में योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर इच्छाशक्ति का अभाव हमेशा रहा है।
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