बाड़मेर/मजदूर बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना का लाभ उठावें यह बात कमठा मजदूर यूनियन बाड़मेर के अध्यक्ष लक्ष्मण वडेरा ने मजदूरों की आयोजित मासिक बैठक में कही। मजदूर नेता लक्ष्मण वडेरा ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से बेटी के जन्म पर मुख्यमंत्री राजश्री कन्या योजना के तहत प्रथम किष्त के रूप में बेटी की माॅ के खाते में दो हजार पांच सौ रूपये तथा बेटी बेटी के जीवन रक्षम टीके लगने पर प्रथम जन्म दिवस पर दो हजार पांच सौ तथा प्रथम कक्षा में प्रवेष पर चार हजार तथा कक्षा छः में बेटी के प्रवेष पर पांच हजार तथा दसवी पास पर ग्यारह हजार तथा बारहवी पास पर पच्चीस हजार रूपये की कुल पचास हजार मिलते इसी तरह श्रमिक कल्याण मण्डल द्वारा कक्षा छः सात व आठ में प्रतिवर्ष नौ हजार के हिसाब से 27000/- तथा कक्षा 9 से 12 वी तक प्रतिवर्ष दस हजार के हिसाब से चालीस हजार तथा ग्रेजुऐषन में प्रतिवर्ष 15000/- कुल तीन वर्ष में 45000/- पैतालीस हजार रूपये तथा बेटी के अठारह वर्ष की होने पर शुभ शक्ति के नाम पचपन हजार रूपये कुल एक लाख सड़सत हजार रूपये की जाती है।
मजदूर नेता लक्ष्मण वडेरा ने बताया कि मजदूर सहायता को बचत का रूप देकर बेटी के जन्मते ही भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुकन्या समृद्धि योजना अपनाये जिसमें पुत्री की आयु एक वर्ष से दस वर्ष की बेटी को योजना का लाभ मिल सकता है जिसमें प्रतिमाह एक हजार रूपये 14 वर्ष तक जमा कराने पर 21 वर्ष बाद छः लाख रूपये भारत सरकार द्वारा दिये जायेगे इसी तरह सरकार द्वारा मुख्यमंत्री राजश्री कन्या योजना व श्रमिक कल्याण मण्डल की षिक्षा व कौषल योजनाओं के तहत बेटी के जन्म से 21 वर्ष की होने तक आठ लाख सत्रह हजार रूपये का योजनाओं से लाभ मिलेगा मजदूर नेता ने कहा कि इससे बेटी बचाओं बेटी पढ़ओं की योजना से नारी का सषक्तीकरण होगा। यह योजना मजदूर कमजोर मध्यमवर्ग के लिये वरदान साबित होगी।
अंकेक्षक भोमाराम ने प्रधानमंत्री सामाजिक सुरक्षा योजना जीवन ज्योति अटल पेंषन योजनाओं के बारे में बताया प्रचारमंत्री श्यामलाल सुवासियों ने मजदूरों को नषावृति त्यागकर घर परिवार को शुद्ध करके षिक्षित होना चाहिये। कार्यक्रम में षिव के अध्यक्ष मंषीराम, बूठ जैतमाल के पे्रहलादजी उण्डक्षा के जीवराजसिह रानीगांव के रेखाराम षिवकर के अगराराम, गडरारोड़ की सदामीदेवी, धारासर के जालूराम उण्डखा किषनाराम, नेहरू नगर से केलूदेवी बाड़मेर ग्रामीण हीरादेवी प्रजापत आसाडा की बेरी से रेमती, गोपाराम, नारायणाराम सुवासिया सहित सैकड़ो श्रमिक मौजूद थे।
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