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सुर प्रभात में हुई सुरीले संगीत की वर्षा --

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07 Jun 15
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सुर प्रभात में  हुई सुरीले संगीत की वर्षा -- भीषण गर्मी के दौर के चलते “सुर प्रभात” संगीत कार्यक्रम में, साबरमती के रिवरफ्रंट मुक्ताकाशी मंच पर आज की सुबह अहमदाबाद के संगीत रसिकों के लिए फिर मीठे और सुरीले संगीत की शीतल वर्षा हुई । स्मीम डॉट कॉम के द्वारा आयोजित ‘सुर प्रभात’ कार्यक्रम में भली सुबह 6 बजे से 7.30 बजे तक मुंबई की युवा शास्त्रीय गायिका अर्चिता भट्टाचार्य के शास्त्रीय गायन और अहमदाबाद के संगीत कारों ने समा बांध दिया ।


कार्यक्रम की शुरुवात राग अहीर भैरव में ‘अलबेला साजन आयो रे’ से हुई । इसके बाद अर्चिता ने राग गुर्जरी तोड़ी में ‘भोर भई तोरी बात तकत पिया’ और राग तोड़ी में ‘भीनी भीनी भोर आई’ सुनाकर श्रोताओं को आनंदित किया। अपने सूफी गायन में तीन प्रसिद्ध रचनाओं को सुनाकर मंत्र मुग्ध कर दिया । यह रचनाएं थीं, ‘मितवा’,मैं तेनु समझावाँ’ और ‘छाप तिलक सब छीनी’। कार्यकम के अंत में अर्चिता ने राग भैरवी में ‘धन्य भाग सेवा का अवसर पाया’ गाकर अपनी विलक्षण गायन शैली को नई ऊँचाइयाँ दीं। कार्यक्रम में


अहमदाबाद के युवा बांसुरी वादक आलाप परिक की वेणु ने मंत्रमुग्ध किया । रुजुल जानी ने की बोर्ड पर शानदार संगत की। रॉकबैंड ‘मेघधनुष’ के युवा कलाकार धैवत जानी ने ड्रम पर जोरदार संगत की।
पार्थ त्रिपाठी ने तबले पर अपने हाथ आजमाए तो जाने माने वायलिन वादक रफीक खान अपने अनूठे अंदाज़ में कार्यक्रम को चार चाँद लगाए। कार्यक्रम में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया,दिव्य भास्कर,डी एन ए और द मेट्रोपोल होटल ने सहयोग प्रदान किया ।
कार्यक्रम के संयोजक स्मीम डॉट कॉम के निदेशक आनंद केकरे ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य युवा पीढ़ी में संगीत के प्रति रुचि जगाना और कलाकारों को मंच देना है। अंकित अरोरा ने बताया कि अहमदाबाद के संगीत प्रेमियों को उत्तम दर्जे का कार्यक्रम परोसने का संकल्प जारी रहेगा। हर महीने के पहले रविवार को सुरीली संगीत दावत अहमदाबाद वासियों में पहचान बना चुकी है। कार्यक्रम का संचालन उदयपुर के विलास जानवे ने किया ।
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