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निःशुल्क ज्योतिष परामर्श शिविर में 600 से अधिक ने जाना अपना भविष्य

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11 May 25
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निःशुल्क ज्योतिष परामर्श शिविर में 600 से अधिक ने जाना अपना भविष्य

उदयपुर। श्री रामचरित मानस समिति द्वारा आज  बीइंग मानव व नक्षत्र ज्योतिष संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में अशोका पैलेस के मधुश्री बेैंक्वेट हॉल में निःशुल्क ज्योतिष परामर्श शिविर आयोजित किया गया। जिसमें शहर के 600 से अधिक लोगों ने वहंा उपस्थित विभिन्न ज्योतिषियों को अपनी कुण्डली दिखाकर अपनी समस्याओं का निराकरण कराते हुए अपना भविष्य जाना।
सत्यनारायण चौबीसा ने बताया कि मुख्य अतिथि समाजसेवी एडवोकेट निर्मल कुमार पण्डित,अध्यक्षता मुकेश माधवानी, अति विशिष्ठ अतिथि राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एस.एस.सारंगदेवोत,ज्योतिषाचार्य कुलदीप चतुर्वेदी,कुवंरदीप शर्मा, नीरज शर्मा, पं. भवानीश्ंाकर व्यास, पं. सुरेश त्रिपाठी,सुरेश दिलावत,दिलीप जैन,राकेश बजाज उपस्थित थे। अतिथियों ने सरस्वती के विग्रह पर माल्यार्पण किया।
समिति के संस्थापक पं. सत्यनारायण चौबीसा ने बताया कि सभी अतिथियों को मेवाड़ी पगड़ी, शॉल,उपरना एवं स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। यहं पंाचवा निःशुल्क शिविर है।
इस अवसर पर ज्योतिषाचार्य कुलदीप चतुर्वेदी ने कहा कि लाल किताब, अंक गणित,व अनेक प्रकार की ज्योतिष विद्या है।  ज्योतिष आदिकाल से ही चला आ रहा है। जिसके गहन अध्ययन से ही हम किसी नतीजे पर पहंुच सकते है। बिना गहन अध्ययन से किसी को जानकारी देना उसके लिये नुकसानदायक साबित हो सकता है।
नीरज शर्मा ने कहा कि नौ ग्रह व बारह राशियों का अध्ययन करने से ज्योतिषाचार्य नहीं बन जाते है। ज्योतिष एक विज्ञान से है जिसे समझना होगा।
विशिष्ठ अतिथि प्रो. एस.एस.सारंगदेवोत ने बताया कि ज्योतिष समझने के लिये विश्वास करने की आवश्यकता है। मैेनंे स्वयं इसका व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। मुख्य अतिथि निर्मल कुमार पण्डित ने कहा कि आज के युग में ज्योतिष की बहुत आवश्यकता है। ज्योतिष काल की पदरदर्शिता की तरह है। ज्योतिषाचार्य के पास जानें से मनुष्य सकारात्मक रूप से आगे बढ़़ता है। नारद मुनि ने मां  भगवती को उनका भविष्य दिखाया था। भगवान शिव भगवान राम के दर्शन करने एवं उनका भविष्य बतानें कैलाश से अयोध्या गये थे।
बीईंग मानव के संस्थापक मुकेश माधवानी ने बताया कि ज्योतिष में पारदर्शिता रहती है।इसे समझने की आवश्यकता है।
शिविर में पं. भगवती श्ंाकर व्यास,पं. सुरेश त्रिपाठी, पं. गणेशलाल नागदा,पं. सुरेश जोशी,पं. गणपतलाल शास्त्री,डॉ.गुंुजन आचार्य,श्ंाकरलाल साहु,डॉ.मंजू शर्मा, मीना शर्मा,मुमल मेनारिया, डॉ.प्रवीणा माथुर, डॉ. नीलम माथुर,रीना जोशी,श्ंाकरलाल साहु,पं. प्रकाश परसाई,आर.पी.जैन,अलखनन्दा शर्मा,जगदीश श्रीमाली, हितेश उपाध्याय,पं.प्रेमशंकर उपाध्याय, पं. कैलाश शर्मा,हेमलता जोशी के अलावा कुंवर विजयसिंह कच्छावा,निलेश चौबीसा,विनोद चौबीसा,विभु सोनी,बगदीराम,एडवोकेट हर्षिता चौबीसा ने अपनी सेवायें दी।


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