जिला पर्यावरण समिति की बैठक मंगलवार शाम कलक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि उदयपुर को प्रकृति ने अद्भुत सौंदर्य और संसाधन प्रदान किए हैं, जिनका संरक्षण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। सभी विभागों को समन्वय के साथ कार्य करते हुए पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि पहाड़ों की अवैध कटाई की लगातार मिल रही शिकायतों के बीच नई हिल पॉलिसी प्रक्रियाधीन है, लेकिन राजस्थान उच्च न्यायालय ने वर्तमान स्थिति को यथावत बनाए रखने के आदेश दिए हैं। इस निर्देश की पालना सुनिश्चित करते हुए जिला कलक्टर ने सभी उपखण्ड अधिकारियों को नियमित मॉनिटरिंग के आदेश दिए हैं।
बैठक की शुरुआत में सदस्य सचिव व उपवन संरक्षक उत्तर अजय चित्तौड़ा ने गत बैठक की कार्यवाही प्रस्तुत की और एजेण्डा बिंदुओं पर चर्चा की।
मेनार गांव के जलाशयों में घरों का सीवरेज बहने की समस्या पर जिला कलक्टर ने डीएमएफटी फंड से नाला निर्माण के प्रस्ताव तैयार करने को कहा।
उन्होंने उदयपुर को वेटलैंड सिटी का दर्जा मिलने पर बधाई देते हुए इसे बड़ी उपलब्धि बताया और शिक्षा विभाग को ‘नो बैग डे’ गतिविधियों के अंतर्गत बच्चों को वेटलैंड के महत्व से अवगत कराने के निर्देश दिए।
मार्बल स्लरी के जलाशयों में बहाव पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को संबंधित पक्षों के साथ बैठक कर स्थायी समाधान प्रस्तुत करने को कहा गया।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक के लिए बाहरी आपूर्ति और भंडारण करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
भीतरी शहर को 'नो व्हीकल ज़ोन' घोषित करने के लिए समिति गठित कर उपयुक्त स्थान चिन्हित करने, दोनों छोर पर पार्किंग सुविधा सुनिश्चित करने तथा प्रारंभ में सप्ताहांत पर लागू करने का सुझाव भी दिया गया।
बैठक में अस्पतालों में सफाई, बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, गिर्वा एसडीएम सोनिका कुमारी, बड़गांव एसडीएम निरमा विश्नोई, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी शरद सक्सेना, पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना, सीडीईओ महेंद्र कुमार जैन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।