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प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव जन्म कल्याणक महोत्सव प्रथमेश-2025 का ऐतिहासिक आयोजन 23 मार्च को,विभिन्न कायक्रमों की शुरूआत

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08 Mar 25
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प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव जन्म कल्याणक महोत्सव प्रथमेश-2025 का ऐतिहासिक आयोजन 23 मार्च को,विभिन्न कायक्रमों की शुरूआत

उदयपुर। समग्र जैन समाज की ओर से श्री मेवाड़ जैन युवा संस्थान द्वारा जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर, युग सृष्टा श्री ऋषभदेव भगवान का जन्म एवम् तप कल्याणक महोत्सव प्रति वर्ष की भाँति इस वर्ष प्रथमेश 2025’ वृहद् रूप से मनाया जाएगा। इस वर्ष कार्यक्रम को तीन चरणों में आयोजित किया जा रहा है।
प्रथम चरण में संस्थान एवम् श्री अखिल भारतवर्षीय युवा परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 9 मार्च को प्रातः 8 बजे ’श्री आदिनाथ विधान’ का आयोजन श्री नेमिनाथ जिनालय से. 3 में  पंडित सम्राट शास्त्री के निर्देशन में किया जायेगा जिसमे प्रभु का अभिषेक, पूजन विधान द्वारा उनके गुणों की संस्तुति की जाएगी।
द्वितीय चरण के अंर्तगत आगामी 16 मार्च को प्रातः9 बजे ’भगवान ऋषभदेव एवम् चारित्र चक्रवर्ती प्रथमाचार्य 108 श्री शांतिसागर जी महाराज के आचार्य पद प्रतिष्ठापन शताब्दी महोत्सव के उपलक्ष्य में उनके महान जीवन चरित्र पर प्रश्नोत्तर, सांस्कृतिक कार्यक्रम’ का मंचन उदयपुर नगर के पाठशाला के विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया जाएगा।
कार्यक्रम संयोजक अरुण लूणदिया, मनोज चम्पावत,सम्राट शास्त्री ने बताया कि सभी विद्यार्थियों को आकर्षक पुरुस्कार एवम् शिक्षकों का सम्मान किया जाएगा। उसी दिन संध्या को ’एक आस्था का दीप चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी के नाम’ आचार्य श्री की चातुर्मास स्थली ’श्री1008 चन्द्रप्रभु जैन मंदिर, आयड़’ में गुरुदेव की भव्य आरती एवम् भक्ति संध्या आयोजित की जाएगी। यह कार्यक्रम संस्थान के राजेंद्र चितौड़ा,विमल नाथूत द्वारा आयोजित किया जाएगा।
संस्थान के संरक्षक पारस सिंघवी ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम का आयोजन आगामी २३ मार्च रविवार को ’ध्वजारोहण’ के साथ ’नगर निगम प्रांगण’ में प्रारंभ होगा। जिसके पुण्यार्जक पुष्पेन्द्र धन्नावत परिवार होंगे। शोभायात्रा संयोजक जैन युवा परिषद् के राजेश गदावत, रवीश मुंडलिया, भूपेन्द्र मुंडफोड़ा ने बताया कि इस वर्ष एक अनुठा आयोज़न होगा जिसमें श्री जिनेंद्र प्रभु का गजरथ, हाथी, घोड़े, बग़्घियों, बैंड, ढोल सहित शहर के प्रमुख मार्गों से शोभायात्रा सहित आर्यिका संघ सहित श्रावक-श्रविकाओ का समूह प्रभु भक्ति में प्रस्थान करेंगे।
संस्थान के कार्याध्यक्ष शांतिलाल गांगावत ने बताया कि यह जुलूस ’टाउन हॉल से प्रारंभ होकर सूरजपोल चौराहा,बापू बाज़ार,दिल्ली गेट,मंडी की नाल,मुखर्जी चौक होते हुए पंचायती नोहरे’ में समाप्त होगा। इस शोभायात्रा में महिला प्रकोष्ठ से श्रीमती अंजना गंगवाल, मंजु गदावत, लीला कुर्दिया ,मधु चितौड़ा आदि के सहयोग से 20 से अधिक जीवंत झांकी, महिला मंडल के घोष , प्रभु के जन्मोत्सव की बधाई का गायन,वादन करते हुए चलेंगे।’पंचायती नोहरे’ में धर्म सभा का आयोजन होगा जिसमे समाज प्रमुख श्रेष्ठियों द्वारा प्रभु का चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन मांगलिक क्रियाएँ सम्पादित होगी।
संस्थान के महामंत्री डॉ राजेश देवड़ा ने बताया कि मंगलाचरण के उपरांत उदयपुर नगर में विराजित ’गणिनी आर्यिका १०५ श्री सुप्रकाशमति माताजी संसघ ,गणिनी आर्यिका १०५ श्री भरतेश्वर मति माताजी ससंघ,आर्यिकारत्न १०५ श्री प्रसन्नमति माताजी’ उपस्थित रहेगी जिनके धर्माैपदेश से जनता लाभान्वित होगी। कार्यक्रम के पश्चात सभी साधर्मी श्रावक -श्रविकाओ के लिये स्वामी वात्सल्य की व्यवस्था रखी जाएगी। संस्थान के वरिष्ठ मन्त्री गौरव गनोड़िया ने बताया कि प्रथमेश के आयोजन का अंतिम चरण अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन होगा।
संस्थान के अध्यक्ष निर्मल मालवी ने बताया कि इस विशिष्ट कार्यक्रम में संस्थान द्वारा ’मेवाड़ समाज गौरव के रूप में रोशनलाल चितौड़ा’,’मेवाड़ युवा गौरव के रूप में मायानगरी मुंबई में टूडे ग्रुप के भावेश आर.शाह’ का अलंकरण से सम्मान किया जाएगा। जहां देश के जाने माने प्रख्यात कवियों विष्णु सक्सेना,जानी बैरागी,शंभु शिखर,अर्जुन अल्हड़,सजल जैन का काव्य पाठहोग। जिसका संचालन राव अजातशत्रु द्वारा किया जायेेगा।


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