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जनजातीय समुदाय के शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में लगातार कमी आ रही- सांसद रावत

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01 Aug 24
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जनजातीय समुदाय के शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में लगातार कमी आ रही- सांसद रावत

उदयपुर। देश में जनजातीय समुदाय के शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के जरिए न केवल उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है, बल्कि रोजगार सृजन के साथ ही उनकी रोजगार क्षमता में सुधार भी सरकार की प्राथमिकता में है। उदयपुर सांसद डॉ. मन्ना लाल रावत की ओर से लोकसभा में पूछे गए अतारांकित प्रश्न के जवाब में श्रम और रोजगार राज्यमंत्री शोभा करांदलाजे ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पी एल एफ एस की रिपोर्ट के अनुसार आदिवासी समुदाय में अनुमानित बेरोजगारी दर वर्ष 2019-20 में 3.4 प्रतिशत,  2020-21 में 2.7 प्रतिशत , 2021-22 में 2.4 प्रतिशत व 2022-23 में 1.8 प्रतिशत रही है। सांसद रावत की ओर से इन लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि उनके रोजगार सृजन के लिए भारत सरकार ने देश में राजस्थान राज्य के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं।
भारत  सरकार के विभिन्न मंत्रालय व विभाग जिनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय आदि विभिन्न रोजगार सृजन योजनाएं व कार्यक्रम आदि अलग-अलग कार्यान्वित कर रहे हैं। इनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएम), पं. दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई), ग्रामीण स्वरोजगार और प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई), दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम), प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई), राजस्थान राज्य सहित देश में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत व्यय में वृद्धि शामिल हैं। 
इसके अलावा, सरकार देश में राजस्थान राज्य सहित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएमएम), राष्ट्रीय प्रशिक्षण संवर्धन योजना (एनएपीएम) और शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) नामक विभिन्न कौशल विकास योजनाएं लागू कर रही है। इन योजनाओं में लाभान्वित हुए लोगों की संख्या राजस्थान में वर्ष 2019-20 से  2022-23 तक अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों सहित 11 लाख 7 हजार 220 है।


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