उदयपुर। जोधाणा पब्लिसिटी की और से स्थानीय बी.एन. कॉलेज ग्राउण्ड में आयोजित इंडिया का सबसे बड़ा अंडरवाटर फिश टनल के साथ ही शॉपिंग का महाकुंभ हर किसी के आकर्षण का केन्द्र बन चुका है। लोग अंडरवाटर फिश टनल का तो रोमांच उठा ही रहे हैं साथ ही शॉपिंग का भी भरपूर मजा ले रहे हैं।
जोधाणा पब्लिसिटी के दिनेश गौड़ ने बताया कि मेला प्रारम्भ से लेकर शाम तक परिवार सहित लोग मेले में आ रहे हैं। साथ में बच्चे भी आते हैं। ठण्डी हवाओं के बीच वह डोलर- चकरी का भरपूर आनन्द ले रहे हैं। ज्यादातर मेलार्थी स्कूलों से अपने बच्चों की छुट्टी होने के बाद मेले आ रहे हैं। मेले में हर तरह के आईटम, बच्चें से लेकर बड़ों तक, महिलाओं और पुरूषों के लिए ब्राण्डेड कपड़े, महिलाओं के लिए श्रृंगार की विभिन्न सामग्री यहां पर एक ही छत के नीचे और उचित दामों में उपलब्ध होने से मेले में लगातार मेलार्थियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। कई मेलार्थी ओर खरीददार तो ऐसे भी है जो कि एक से अधिक बार मेले में आ चुके हैं और अपने मन पसन्द के उत्पाद खरीद रहे हैं।
गौड़ ने बताया कि सुहाने मौसम और रिमझिम बरसात में बी.एन. कॉलेज ग्राउण्ड का नजारा पूरी तरह से पारीवारिक नजर आता है। मानो मौसम सारा उदयपुर शहर मौसम का लुत्फ इस खूबसूरत मेले के साथ ही उठा रहा हो। शाम को तो मेले में लगी हर स्टॉल्स पर इतने मेलार्थी पहुंचे कि कई कई जगह तो पांव धरने तक की जगह नहीं बची। लोग खरीददारी के साथ ही तरह- तरह के व्यंजनों का स्वाद लेने भी मेले में सुहाने मौसम के साथ लेने पहुंचे। रिमझिम बरसात के साथ भरपूर आनन्द उठाते हुए जहां परिवार के लोगों ने सबसे पहले जम कर खरीददारी की। पूरे मेले में घूम फिर कर जहां जिसे जो पसन्द आया वह उन्होंने खरीदा। उसके बाद लोग फूड जोन में पहुंचे। वहां पर अपनी मन पसन्द के व्यंजनों का लुत्फ उठाया। इस मेले की खासियात यही है कि यह वर्ल्ड क्लास मेला है। यहां पर एक ही छत के नीचे वो सारी वस्तुएं उपलब्ध है जो आम तौर पर घरों में काम आती है। मेले में आये लोगों का कहना है कि वह मेले में खरीदने तो कुछ आये थे और खरीद कर क्या ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हम घर से निकले थे तब एक खास बजट बना कर निकले थे लेकिन मेले बिक रही वस्तुओं का आकर्षण ही ऐसा है कि किसी भी वस्तु को बिना खरीदे रह नहीं पा रहे हैं। एक वस्तु खरीदी और दूसरी स्टॉल्स पर गये तो लगा कि अब जरूरत तो घर में इस चीज की भी है। दुबारा इसे लेने हम कहां जाएंगे, चलो ले ही लेते हैं।