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झील प्रेमियों ने जताई चिंता  दूषित  जल मल से बीमारियों का खतरा 

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14 Apr 24
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झील प्रेमियों ने जताई चिंता   दूषित  जल मल से बीमारियों का खतरा 

उदयपुर,  ,  प्रतिदिन  हजारों  लीटर सीवर दूषित जल मल  झील में जा रहा है। यह झील स्वास्थ्य व  नागरिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। यह चिंता रविवार को आयोजित झील अवलोकन व  संवाद कार्यक्रम में व्यक्त की गई।

  विद्या भवन पॉलीटेक्निक  के प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने कहा ने कहा कि सीवरेज में मानव मल, साबुन , डिटर्जेंट , वसा, केमिकल  सहित कई प्रकार की गंदगी होती है। एक ग्राम मानव मल  में एक करोड़ वायरस, दस लाख बैक्टीरिया, एक हजार पेरासाइट सिस्ट होते है जो   गंभीर बीमारियों के कारक है। मेहता ने कहा कि   अकेले अंबामाता मंदिर समीप सामुदायिक  भवन क्षेत्र में हो रहे  सीवर ओवरफ्लो से ही  करोड़ों वायरस  बैक्टीरिया,  पेरासाइट झील में मिल  रहे है।  

झील विकास प्राधिकरण के पूर्व सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि पूरे झील क्षेत्र में जगह जगह सीवरेज रिसाव, ओवरफ्लो है। इससे झील  जल ही नहीं वरन भूजल भी घोर  प्रदूषित हो  रहा है। लोगों की शिकायत है कि ट्यूबवेल से गंदा पानी आ रहा है। प्रशासन को इसे एक गंभीर आपदा मानते हुए तुरंत सुधार करवाना चाहिए।

गांधी मानव कल्याण समिति के निदेशक नंद किशोर शर्मा ने कहा कि सीवरेज के झीलों में प्रवेश से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस इत्यादि  बढ़ कर खरपतवार बढ़ती है । झील तल   में घुलनशील ऑक्सीजन  की मात्रा घटने लगती है। यह झील पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर  खतरा है।

पर्यावरण प्रेमी कुशल रावल ने कहा कि नियमित साफ सफाई, मरम्मत नहीं होने से सीवरेज रिसाव व बहाव की समस्या हो रही है। निगम को पूरी प्रणाली को  अलग अलग  सीवरेज जोन में बांट, प्रत्येक जोन की नियमित देखरेख व संधारण की व्यवस्था बनानी चाहिए।

वरिष्ठ नागरिक द्रुपद सिंह ने कहा कि सीवरेज के प्रदूषण से  पीलिया, टायफाइड, डिसेंट्री, डायरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अत :स्वास्थ्य विभाग को भी चौकस रहना होगा।


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