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लोक नाट्य समारोह के अंतिम दिन हुई लोक नाटक ‘‘रानी फुलवंती’’ की रंगारंग प्रस्तुति

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10 Dec 23
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लोक नाट्य समारोह के अंतिम दिन हुई लोक नाटक ‘‘रानी फुलवंती’’ की रंगारंग प्रस्तुति


भारतीय लोक कला मण्डल के संस्थापक स्व. पद्मश्री देवीलाल सामर की स्मृति में आयोजित किये जा रहे  विविध कार्यक्रमों के क्रम में  दो दिवसीय लोक नाट्य समारोह के अंतिम दिन लोक नाट्य ‘‘रानी फुलवंती’’ की प्रस्तुति हुई।


भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर एवं भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में किये जा रहे दो दिवसीय लोक नाट्य समारोह के अंतिम दिन गौसुन्डा, चित्तौड़ गढ के अकबर कागजी एवं दल द्वारा तुर्रा कलंगी शैली में लोक नाट्य रानी फुलवंती प्रस्तुत किया गया। उत्कृष्ठ मन मोहक संगीत एवं नृत्य के साथ प्रस्तुत किये गये इस नाटक में सुरजगढ़ के राजा भूपसिंह की पत्नी अपने देवर फुलसिंह को उलाहना देती है कि अगर तुझे गर्म खाना खाना है तो तु शादी कर अपनी पत्नी को ला और अगर तु सच्चा वीर है तो रानी फुलवंती से शादी कर के दिखा। यह सुन फुलसिंह घर छोड़कर चला जाता है और विभिन्न परेशानियों का सामना करने के बाद वह रानी फुलवंती से शादी कर ले आता है।

कार्यक्रम के अंत में भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डॉ. लईक हुसैन राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों, मीडियाकर्मियों एवं आमजन का आभार प्रकट करते हुए कहा की आपके सहयोग से उक्त आयोजन सफलतापूर्वक आयोजित हो सका।
 


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