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पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग व उद्यमियों ने दिये सुझाव

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04 Oct 23
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पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग व उद्यमियों ने दिये सुझाव

उदयपुर । मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश का सबसे तेज विकासशील राज्य बनाने के लिए चल रहे कार्यक्रम राजस्थान मिशन-2030 के तहत मंगलवार को उदयपुर नगर निगम के सुखाड़िया रंगमंच पर पर्यटन इंडस्ट्रीज से जुड़े लोग व उद्यमियों के साथ संवाद कार्यक्रम रखा गया।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ व विशिष्ट अतिथि श्रमिक कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं राज्यमंत्री जगदीश राज श्रीमाली, संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल, टीएडी आयुक्त ताराचंद मीणा, समाजसेवी गौरव वल्लभ, फतहसिंह राठौड़, कचरूलाल चौधरी, दिनेश श्रीमाली, यूसीसीआई अध्यक्ष व उद्योगपति संजय सिंघल आदि मंचासीन रहे।
मुख्य अतिथि गायत्री राठौड़ ने कहा कि पर्यटन के लिए एक इको सिस्टम बनाने की जरूरत है जिसके तहत पर्यटकों को सभी तरह की सुविधाएं एवं सुरक्षा का वातावरण मिल सके। सरकार के मिशन 2030 में इस बात को सम्मिलित करने हेतु यह कार्यक्रम रखा गया है ताकि संबंधित उ़द्यमियों से प्राप्त सुझावों के आधार पर नीति निर्धारण किया जा सके। राज्यमंत्री श्रीमाली ने कहा कि पर्यटन उ़द्योग को बढ़ावा देने है लेकिन इसके साथ ही पूर्वजों द्वारा दी गई विरासत का संरक्षण भी जरूरी है। सरकार सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी और 2030 तक प्रदेश की प्रगति की गति 10 गुणा करने में सफल रहेगी।
कार्यक्रम में संभागीय आयुक्त ने कहा कि सरकार के इस मिशन 2030 के तहत प्रदेशभर से तीन करोड़ से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके है। इनके आधार पर विजन डोक्यूमेंट तैयार किया जाना है। समाजसेवी गौरव वल्लभ ने मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता को रेखांकित करते हुए कहा कि आमजन एवं विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों से सुझाव प्राप्त करना असली लोकतांत्रिक नेतृत्व की निशानी है। प्रारंभ में जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने सभी अतिथियों एवं कार्यक्रम में आए हितधारकों का स्वागत करते हुए सरकार के इस कार्यक्रम की जानकारी दी। अंत में पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने सभी का आभार जताया।
उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव
कार्यक्रम में उद्योगपति संजय सिंघल ने कहा कि नये निवेश को आकर्षित करने के साथ ही चालू उद्योगों को भी उचित राहत प्रदान कर उत्साह बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप को लेकर अच्छी पॉलिसी की आवश्यकता है और इसे लेकर सरकारी तंत्र के माइन्ड सेट में सकारात्मक बदलाव होना चाहिए। शहर में ग्रीन स्पेस को बढ़ाने का सुझाव भी उन्होंने दिया। विभिन्न उद्योगों के लिए बकाया पर्यावरण स्वीकृति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सभाग स्तर पर कमेटी बनाने की जरूरत बताई। उन्होने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोड व हवाई कनेक्टीविटी बढ़ाने, उदयपुर एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने, वाहन पंजीकरण शुल्क कम करने जैसे कई सुझाव भी दिए।
पर्यटन विकास समिति के सदस्य नवल सिंह ने रतनपुर बोर्डर पर आरटीडीसी हॉटल को मेवाड़ी शैली में विकसित करने का सुझाव दिया। इससे गुजरात व दक्षिणी भारत से आने वाले पर्यटकों को राजस्थान की सीमा पर ही सारी जानकारी मुहैया हो सकेगी और राजस्थान के आतिथ्य का अनुभव हो सकेगा। गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय राणावत ने कहा कि उदयपुर होटल इंडस्ट्री में 30 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिए। उन्होंने गाइड के ग्रीन कार्ड को समयबद्ध तरीके से येलो कार्ड में बदलने का सुझाव भी दिया। सज्जनगढ़ मानसून पैलेस पर गाइड की फ्री एन्टी, नागदा मंदिर में वेडिंग शूट का समय अल सुबह निर्धारित करने, पैलेस ऑन व्हील्स में रोटेशन पर स्थानीय गाइड लगाने जैसे सुझाव भी दिए।
होटल एसोसिएशन अध्यक्ष सुभाष ने नगर निगम द्वारा लिए जाने वाले यात्री कर को समाप्त करने का सुझाव दिया। जीएसटी नहीं देने वाले छोटे होटल व्यवसायियों को भी बिजली बिल में छूट दिये जाने की मांग रखी। होटलों के ट्रेड लाइसेंस स्थानीय निकाय की बजाय पर्यटन विभाग द्वारा ही जारी करने का सुझाव भी दिया। माइनिंग प्रतिनिधि हितांशु कौशल ने गुजरात व मध्यप्रदेश में कम रॉयल्टी दर का हवाला देते हुए प्रदेश में खनिज पर बढ़ाई गई रॉयल्टी दर कम करने की मांग रखी। कार्यक्रम में यूनाइटेड हॉटेलियर्स ऑफ उदयपुर के अध्यक्ष यू.बी.श्रीवास्तव व ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष नरपत सिंह ने भी उपयोगी सुझाव दिए। कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र सेन ने किया।


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