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संस्कृत श्रेष्ठ, संस्कारिक व देव भाषा है - प्रो. सारंगदेवोत

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15 Sep 23
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संस्कृत श्रेष्ठ, संस्कारिक व देव भाषा है - प्रो. सारंगदेवोत

उदयपुर। राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने कहा कि संस्कृत श्रेष्ठ, संस्कारिक व देव भाषा है। यह कई भाषाओं की जननी है। संस्कृत में ही भारतवर्ष की संस्कृति निहित है। 

यह बात उन्होंने बुधवार को उदयपुर में संस्कृत भारती की ओर से आयोजित संस्कृत जनपद सम्मेलन व प्रतिभा सम्मान समारोह में कही। जनार्दन राय नगर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय) व पेसिफिक विश्वविद्यालय उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में विद्यापीठ के आईटी सभागार में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रो. सारंगदेवोत ने नई पीढ़ी से संस्कृत के गहन अध्ययन का आह्वान किया जिससे भारत के प्राचीन कालजयी ग्रंथ वेद-पुराणों में छिपे ज्ञान-विज्ञान को विश्व पटल पर लाया जा सके। उन्होंने अगले वर्ष होने वाले इसी कार्यक्रम तक 10 मिनट संस्कृत में बोलने के अभ्यास का संकल्प भी लिया। 

समारोह में रेवासा धाम सीकर से पधारे जगद्गुरु डॉ. स्वामी राघवाचार्य वेदांती महाराज का मुख्य अतिथि के रूप में आशीर्वाद मिला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं हिन्दू आध्यात्म सेवा संगम व आईएमसीटी के राष्ट्रीय संयोजक गुणवंत सिंह कोठारी, सिक्योर मीटर समूह व धरोहर संस्थान के चेयरमैन संजय सिंघल सारस्वत अतिथि थे। 
 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उदयपुर विभाग के विभाग संघचालक हेमेंद्र श्रीमाली व संस्कृतभारती चित्तौड़ प्रांत के प्रांत मंत्री परमानंद शर्मा विशिष्ट अतिथि थे। मुख्य वक्ता संस्कृत भारती के अखिल भारतीय पत्राचार प्रमुख व दिल्ली क्षेत्र संगठन मंत्री हुल्लास चंद्र थे। 
सारस्वत अतिथि संजय सिंघल ने संस्कृतभारती के कार्य की सराहना करते हुए संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत हुई प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को संस्कृत क्षेत्र में आगे भी रुचि रखने का आह्वान किया। उन्होंने सिंगल फाउंडेशन व धरोहर संस्था की ओर से किये जा रहे वेदों व 500 पांडुलिपियों को संरक्षित व डिजिटलाइजेशन के कार्य को सबके बीच साझा किया। 
जगतगुरु राघवाचार्य ने संस्कृत भाषा में गौरवमयी उद्बोधन देते हुए कहा कि संस्कृत भाषा मातृभाषा होने के साथ-साथ पूर्ण रूप से वैज्ञानिक भाषा है, जिसके अंतर्गत मातृभूमि एवं मातृभाषा का संरक्षण इन विद्यार्थियों के साथ-साथ सभी संस्कृत शिक्षकों व समाज की नैतिक जिम्मेदारी है। 
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं हिंदू अध्यात्म सेवा संगम व आईएमसीटी के राष्ट्रीय संयोजक गुणवंत सिंह कोठारी ने सभी छात्रों को हनुमान चालीसा का पाठ नियमित करने का आह्वान किया तथा सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विद्यमान शास्त्रों के संरक्षण पर बल दिया।
संस्कृत भारती के अखिल भारतीय पत्राचार प्रमुख हुल्लास चंद्र ने कहा कि संस्कृतभारती कई वर्षों से भारत सहित विश्व के 29 देशों में संस्कृत के नियमित प्रचार प्रसार का कार्य कर रही है, जिसके अंतर्गत आयोजित संभाषण शिविरों में एक लाख 40 हजार से अधिक लोग संस्कृत बोलना सीख चुके हैं। साथ ही संस्कृत भारती अपने इन प्रयासों से देश भर में हजारों संस्कृत कुटुम्ब का निर्माण, संस्कृत ग्राम का निर्माण इसी क्रम में कर चुकी है।

समारोह का आरंभ दीप प्रज्वलन व सुधांशु राव द्वारा मंगलाचरण व सरस्वती वंदना से हुआ। अजय व भागचंद ने ध्येय मंत्र प्रस्तुत किया। संस्कृत भारती के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. यज्ञ आमेटा ने अतिथियों का  स्वागत परिचय दिया।
इसी क्रम में संस्कृत भारती के विभाग सहसंयोजक नरेंद्र शर्मा ने कार्यक्रम का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
 समारोह में रक्षाबंधन से शुरू हुए संस्कृत सप्ताह के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए।
 विजेता प्रतिभागियों ने संस्कृत समूह गीत की प्रस्तुति भी दी। 

समारोह में संस्कृत प्रतिभाओं को महर्षि पाणिनी पुरस्कार प्रदान किए गए तथा संस्कृत को समर्पित व्यक्तित्वों को संस्कृति गौरव सम्मान प्रदान किया गया। 

कार्यक्रम का संचालन प्रांत सह मंत्री मधुसूदन शर्मा ने संस्कृत में किया। संस्कृत भारती की ओर से दिनेश भट्ट, संजय शांडिल्य, नरेंद्र शर्मा, रेखा सिसोदिया, मंगल जैन, डॉ रेणु पालीवाल, चैनशंकर दशोरा,  भूपेंद्र शर्मा,सुदर्शन शर्मा, कमलेश वैष्णव आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। 

इन्हें मिला संस्कृति गौरव सम्मान

-समारोह में अनीता शर्मा (रॉकवुड्स हाई स्कूल), खुशलता जोशी (आलोक स्कूल फतहपुरा), निरंजन टेलर (डीपीएस), बकुल त्रिवेदी (एमएमपीएस), राजकुमार जैन (राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय सवीना), हेमन्त जैन (एमएमपीएस), रीना जैन (महावीर अकादमी गारियावास), डॉ. भगवती शंकर व्यास (प्रधानाचार्य, राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय सविना), डॉ. अलका पालीवाल (प्रधानाचार्य, राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय नाथद्वारा), डॉ.सीमा उपाध्याय (सीडलिंग पब्लिक स्कूल), घनिष्ठा वैष्णव (रसिकलाल धारीवाल पब्लिक स्कूल), प्रो. नीरज शर्मा (संस्कृत विभाग अध्यक्ष, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय), डॉ महेश आमेटा (साहित्यसंस्थान, राजस्थान विद्यापीठ), हेमलता शर्मा (विट्टी इंटरनेशनल), पीयूष दशोरा (प्राध्यापक, राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय उदयपुर),  को संस्कृति गौरव सम्मान प्रदान किया गया। समाज में उत्कृष्ट कार्य व संस्कृत संस्कृति में विभिन्न योगदान के लिए फिनिश संस्था के सीईओ सौरभ अग्निहोत्री (पर्यावरण क्षेत्र) को संस्कृति गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।  

इन्हें मिला महर्षि पाणिनी पुरस्कार 

-महावीर एकेडमी गायरियावास से नितेश गुर्जर, खुशी कुमारी सेवक, हर्षिता शर्मा, भूपेंद्र लोहार, कृष्ण त्रिवेदी, मनन साहू, गुरुनानक स्कूल सेक्टर-4 से केशव सिंह, हिमांशी मेनारिया, प्रत्युष तलेटिया, डिंपल सुथार, आलोक स्कूल फतहपुरा से किंजन सिसोदिया, अन्वेषा जोशी, ज्योति, नव्या जोशी, सौरभ शर्मा, रॉकवुड्स हाई स्कूल के जेनिशा लालवानी, सौम्य शर्मा, हिया चौधरी, माउंट व्यू स्कूल बेड़वास उदयपुर से महक राणावत, अभिनव स्कूल गायरियावास के विशेष रावल, ऋषिका कुंवर चौहान, दिया चौधरी, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सुखेर से  स्वीटी कुमारी, डीपीएस स्कूल से जुलन मुखर्जी, कर्मण्य गुप्ता, जेलम मुखर्जी, प्रखर पाठक, कश्वी जावरिया, रुद्र सुराना, कशवी सिंघवी, श्रिया राज, रिद्धिमा शुक्ला, मिहिका भारतीया, कुलवर्धन सिंह खींची, मान्या राणावत, लावण्या मित्तल, आलोक स्कूल हिरण मगरी से गौतम शर्मा, सेंट्रल अकादमी सरदारपुरा से राधा सुथार, अक्षयनी सिंह, एम.एम.पी.एस. उदयपुर से दिया कोठारी, दर्शना मकवाना, गौरल नागदा, शील प्रताप सिंह, रालजेल शर्मा, शौर्य चौधरी, स्वर्ण पदक विजेता श्रेणी में आशा कुमारी तिवारी व अभिषेक व्यास को महर्षि पाणिनी पुरस्कार प्रदान किया गया।

 प्रतियोगिताओं के विजेताओं को मिले पुरस्कार

- श्लोक आधारित चित्रकला प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में सीडलिंग मॉडर्न पब्लिक स्कूल की याना पंचाल प्रथम, सेंट्रल एकेडमी सरदारपुरा की टुम्पा गेयन व दिल्ली पब्लिक स्कूल के चौतन्य गवली द्वितीय, नोबल इंटरनेशनल स्कूल की तनिषा, दिल्ली पब्लिक स्कूल की कनिका देशमुख व सेंट्रल एकेडमी हिरणमगरी सेक्टर-5 की शिखा स्वर्णकार तृतीय रहे। वरिष्ठ वर्ग में रॉकवुड्स स्कूल की दिशा छीपा प्रथम, सेंट एंथोनीज सेक्टर-5 की निष्का पैताला व दिल्ली पब्लिक स्कूल की दिविशा गुप्ता द्वितीय, राजकीय महाराणा आचार्य संस्कृत महाविद्यालय की विधि जैन, सेंट एंथोनीज गोवर्धन विलास की प्रशस्ति अरोड़ा व सीडलिंग मॉडर्न स्कूल के पीयूष डांगी तृतीय रहे।
 संस्कृत समूह गीत प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में सेंट्रल एकेडमी स्कूल सेक्टर-5 प्रथम, आलोक सेक्टर-11 व रॉकवुड्स स्कूल द्वितीय, सेंट एंथोनीज, नीरजा मोदी व रसिकलाल धारीवाल पब्लिक स्कूल के दल तृतीय स्थान पर रहे। वरिष्ठ वर्ग में राजकीय महाराणा आचार्य संस्कृत महाविद्यालय व राजकीय उच्च वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय प्रथम, रॉकवुड्स स्कूल व आलोक पंचवटी द्वितीय, सेंट एंथोनीज, सेंट्रल एकेडमी व विट्टी इंटरनेशनल स्कूल के दल तृतीय स्थान पर रहे। संस्कृत श्लोक पाठ प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में रॉकवुड्स स्कूल की परिधि रावल व स्कॉलर्स एरिना आरके पुरम के हर्षित सेवक प्रथम, दिल्ली पब्लिक स्कूल की कृतिका विजय व विट्टी इंटरनेशनल स्कूल के मंत्राक्ष नागर द्वितीय, सीडलिंग मॉॅडर्न स्कूल के गातिक पंडित, रॉकवुड्स स्कूल के ओजस व नीरजा मोदी स्कूल की किशिका श्रीमाली तृतीय रहे। वरिष्ठ वर्ग में राजकीय महाराणा आचार्य संस्कृत महाविद्यालय की प्रज्ञा जैन व स्कॉलर्स एरिना आरके पुरम की जिज्ञासा प्रथम, राजकीय उच्च वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय की लब्धि जैन व सीडलिंग स्कूल के दिव्यांश व्यास द्वितीय, सेंट्रल एकेडमी स्कूल सरदारपुरा के भाविन चौबीसा, विट्टी इंटरनेशनल की दिशा प्रजापत, रॉकवुड्स स्कूल की छवि दरोलिया व आलोक फतहपुरा की आर्नवी शर्मा तृतीय रहे। सभी विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
अंत में विभाग संयोजक दुष्यंत नागदा ने सभी का आभार व्यक्त किया।


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