GMCH STORIES

संस्कृत सप्ताह के तहत निकली चेतना यात्रा

( Read 1420 Times)

06 Sep 23
Share |
Print This Page
संस्कृत सप्ताह के तहत निकली चेतना यात्रा

उदयपुर। संस्कृतभारती द्वारा श्रावण मास की पूर्णिमा रक्षाबंधन संस्कृत दिवस से शुरू किए गए संस्कृत सप्ताह के सातवें दिन मंगलवार को संस्कृत चेतना यात्रा का आयोजन हुआ। शहर के विभिन्न मार्गों से होकर गुजरी संस्कृत चेतना यात्रा के दौरान बच्चों ने संस्कृत के जयघोष गुंजाए। 

विभाग सहसंयोजक नरेंद्र शर्मा ने बताया कि यात्रा संस्कृतभारती व निम्बार्क संस्कृत महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में निकली इस चेतना यात्रा में निम्बार्क संस्कृत महाविद्यालय सहित आलोक स्कूल हिरण मगरी सेक्टर-11, संस्कृत विद्यालय सवीना सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सदस्य शामिल हुए। बच्चे हाथों में ‘समाजस्य हितम, संस्कृते निहितम’, ‘वदतु संस्कृतम-जयतु भारतम’, संस्कृत भाषा वैज्ञानिकी भाषा, अस्माकं भाषा संस्कृत भाषा, अमृतवाणी संस्कृत भाषा, प्राचीन भाषा-संस्कृत भाषा, देव भाषा संस्कृत भाषा, संस्कृतेन हि संस्कृति, कंप्यूटर भाषा संस्कृत भाषा आदि लिखी तख्तियां लेकर जयघोष लगाते चले। 

निम्बार्क महाविद्यालय से शुरू होकर यात्रा सूरजपोल दिल्ली गेट होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए पुनः निम्बार्क महाविद्यालय पहुंची जहां अतिथियों ने संक्षिप्त उद्बोधन दिया। इस अवसर पर संस्कृत भारती के जिला अध्यक्ष संजय शांडिल्य, पूर्व संस्कृत संभागीय शिक्षा अधिकारी डॉ. भगवती शंकर व्यास, निम्बार्क महाविद्यालय के प्राचार्य हनुमान प्रसाद शर्मा  बतौर अतिथि संपूर्ण यात्रा में साथ उपस्थित रहे। संस्कृत भारती के नरेन्द्र शर्मा, दुष्यंत नागदा, डॉ. रेणु पालीवाल, रेखा सिसोदिया, मंगल कुमार जैन, डॉ. माया खण्डेलवाल, डॉ. मिश्रीलाल पंवार, दुष्यंत कुमावत ने विभिन्न व्यवस्थाएं संभालीं। 

9 सितम्बर को होगा संस्कृत जनपद सम्मेलन 

-संस्कृत सप्ताह का समापन 9 सितम्बर को समारोहपूर्वक किया जाएगा। संस्कृतभारती की ओर से डॉ रेनू पालीवाल ने बताया कि संस्कृत जनपद सम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में संस्कृत सप्ताह की प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। सम्मेलन में वर्ष 2022-23 में संस्कृत विषय में 95 या अधिक प्रतिशत प्राप्त करने वाले तथा संस्कृत के क्षेत्र में विश्वविद्यालय स्तर पर स्वर्ण पदक विजेता एवं सत्र 22-23 में संस्कृत में विद्यावाचस्पति प्राप्त करने वालों को महर्षि पाणिनि पुरस्कार से नवाजा जाएगा। संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले उत्कृष्ट समाजजन को संस्कृति गौरव सम्मान के रूप में महर्षि वाल्मीकि पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Udaipur News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like