उदयपुर | पेंशन बाबत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पुर्व बजट घोषणा बिंदु ९० को लागु करवाने हेतु एमपीयुएटी व सुखाडिया दोनो विश्वविद्यालयों के पेंशनर्स व कार्यरत लगभग १८०० कर्मचारीयों द्वारा आज उदयपुर जिलाघीष कार्यालय पर विशाल जुलुस निकाल कर धरना प्रदर्षन किया गया।
यह जानकारी देते हुए महाराणा प्रताप कृषि एवं अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर पेंशनर्स सोसायटी प्रवक्ता वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पिछले वर्ष की बजट घोषणा के बिंदु ९० में राजस्थान की २८ सरकारी युनिवर्सिटी के शिक्षकों व कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा राजकीय कोशागार से पेंशन दिया जाना प्रस्तावित था मगर लगभग एक वर्ष हो जाने के बावजुद इस बाबत आदेश नही निकाले जाने से आक्रोषित शिक्षकों व कर्मचारियों द्वारा आज दिनांक ६ जनवरी को दिल्ली गेट स्थित षांति आनंदी स्मारक से नारेबाजी करते हुए विशाल जुलुस निकाल कर उदयपुर जिलाघीष कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्षन किया गया। इस धरने में महाराणा प्रताप कृषि एवं अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर व सुखाडिया विश्वविद्यालय के पेंशनर्स व कार्यरत कर्मचारीयों के साथ साथ बीकानेर कृषि विश्वविद्यालय व कोटा विश्वविद्यालय, के उदयपुर में रहने वाले पेंशनर्स ने भी भाग लिया।
महाराणा प्रताप कृषि एवं अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय, पेंशनर्स वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष डाक्टर सुरेन्द्र कुमार भटनागर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लंबी अवधि तक विश्वविद्यालय में सेवाएं देने के उपरांत पेंशन प्राप्त करना कर्मचारी का मौलिक अधिकार है तथा सुप्रीम कोर्ट भी इस बारे में अनेक बार कर्मचारियों के हक में निर्णय दे चुका है तथा विश्वविद्यालय में पेंशन लागु किये जाने के समय से ही पुर्ण स्पश्ट था कि सरकार ही कर्मचारियों के लिये पेंशन की व्यवस्था करेगी। भारतवर्ष के उत्तरप्रदेष, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेष, छत्तीसगढ, महाराश्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल आदि लगभग सभी राज्यों में विश्वविद्यालय के शिक्षकों व कर्मचारियों को राज्य सरकार ही पेंशन भुगतान करती हंं। घोर आष्चर्य की बात है कि सिर्फ राजस्थान में ही राज्य सरकार विश्वविद्यालय के शिक्षकों व कर्मचारियों को पेंशन भुगतान नही करती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को साल भर पुर्व यह तथ्य बताये जाने पर पिछले बजट घोषणा के बिंदु ९० में राज्य सरकार ने इस बाबत प्रस्ताव लिया था तथा पिछले साल भर में इस बारे में राज्य सरकार राजस्थान के सभी २८ सरकारी विश्वविद्यालयों से भविश्य में आने वाले वित्तिय भार व अन्य समस्त आंकडों पर विस्तार से जानकारी ले चुकी है तथा अनेक बार उच्च स्तरीय बैठकें भी कर चुकी है मगर इस बारे में अभी तक आदेश जारी नही किये जाने से आक्रोषित पेंशनर्स व कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों ने आज धरना प्रदर्षन किया है व जिलाधीष के माध्यम से मुख्यमंत्री को इस बाबत ज्ञापन देने का निर्णय किया है।
कर्मचारियों की सभा को महाराणा प्रताप कृषि एवं अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय के पुर्व कुलपति डाक्टर उमाषंकर शर्मा, कोटा विश्वविद्यालय के पुर्व कुलपति डाक्टर मध्ुासुदन शर्मा, महाराणा प्रताप कृषि एवं अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल सदस्य डाक्टर एस आर मालु, पेंशनर्स सोसायटी महामंत्री आरके राजपुत, उपाध्यक्ष पीसी कंठालिया, संगठन मंत्री रामेष्वर प्रसाद शर्मा, शेक्षणैतर कर्मचारी संघ अध्यक्ष रजनीकांत शर्मा, मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय शेक्षणैतर कर्मचारी संघ अध्यक्ष संजय भटनागर, पुर्व अध्यक्ष भरत व्यास व कर्णसिंह शक्तावत, नरेन्द्र मोड, ओपी पाटोदिया आदि ने भी संबोधित किया।
सभा के उपरांत दोनो विश्वविद्यालय की पेंशनर्स सोसायटी के संयक्त प्रतिनिधिमंडल द्वारा एडीएम सिटी श्रीमती प्रभा गौतम को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया गया।