उदयपुर। अत्याधुनिक एमआरआई से मस्तिष्क (ब्रेन) के भविष्य में विकास की क्षमता और उपयोगिता बताना संभव हुआ है। ब्रेन डवलपमेंट के बारे में जोधपुर एम्स के रेडियो डायग्नोसिस विभाग के डॉ. सर्वेष तिवारी ने एमरआई की उपयोगिता के बारे में बताया। ब्रेन स्ट्रोक एवं मेटाबालिक डिजीज के बारे में जयपुर से आए डॉ. मदन मोहन गुप्ता ने जानकारी सांझा की।
जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल सभागार में उदयपुर चैप्टर ऑफ रेडियोलॉजी और अमेरिकन इंटरनेषनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के सांझे में आयोजित हुई सीएमई को बतौर वक्ता संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अमेरिकन के डीन डॉ. विनय जोषी ने की एवं विषिष्ट अतिथि एवं उदयपुर चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. आनंद गुप्ता ने बताया कि रेडियोलॉजी विभाग में अत्याधुनिक तकनीक का फायदा मरीजों को मिला है। बड़े शहरों की तर्ज पर राजस्थान के प्रमुख शहरों और उदयपुर में भी यह सुविधा मुहैया होने से मरीजों का पलायन पिछले कई वर्षों में रोकना संभव हुआ है। सीएमई में डॉ. ऋतु मेहता, डॉ. कपिल व्यास, डॉ. रविंद्र कुंडू एवं डॉ. राजाराम शर्मा ने भी अपने विषय संबंधित जानकारी सांझा की।
कार्यक्रम का संचालन उदयपुर चैप्टर के सचिव डॉ. कुषल गहलोत ने किया। आयोजक सचिव एवं रेडियोलॉजी विभाग के डॉ. रामबीरसिंह ने बताया कि इसमें विभिन्न मेडिकल कॉलेज के पीजी स्टूडैंट्स ने 26 पेपर प्रस्तुत किए। सीएमई में उदयपुर के सभी रेडियोलॉजी डायग्नोस्टिक सेंटर्स एवं मेडिकल कॉलेज से जुड़े 100 से अधिक डॉक्टर्स ने भाग लिया। अंत में बाहर से आए वक्ताओं से तकनीक के बारे में प्रष्न पूछे गए। सीएमई में अमेरिकन प्रबंधन की ओर से डायरेक्टर डॉ. सुरभि पोरवाल, ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा मौजूद रहे। कार्यक्रम के सफल संचालन में विभाग के डॉ. भरत गुप्ता, डॉ. हितेष कुमार शर्मा, डॉ. रोहित यादव एवं डॉ. संगीता प्रमुख सहयोगी