लेडिज़ सर्कल इंडिया और राउंड टेबल इंडिया द्वारा गत 6 वर्ष से रीढ़ की हड्डी सहित विभिन्न अंगो की बीमारियों का दर्द झेल रहीं चित्तौड़गढ़ की 23 साल की एक निर्धन बालिका मोनिका राठौड़ का एक प्रोजेक्ट के तहत ईलाज करा कर उसे दर्द से राहत दिलायी।
उदयपुर यूनाइटेड लेडीज सर्किल 171 की परियोजना संयोजक रसनप्रीत कौर और साक्षी जैन ने बताया कि जुलाई 2016 में वह एक इमारत की 5 वीं मंजिल से गिर गई थी और सिर में भारी चोट, रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर और अन्य प्रमुख अंगों में चोट लगी थी। उनकी रीढ़ की एक बड़ी सर्जरी हुई है, लेकिन दुर्भाग्य से वह पैरालेप्जिक (लकवा जो धड़, पैर और श्रोणि अंगों के सभी हिस्सों को प्रभावित करता है) है।
सर्किल की चेयरपर्सन तबस्सुम सैफी पठान ने बताया कि डॉक्टरों ने बालिका को बताया था कि वह फिर कभी नहीं चल पाएगी लेकिन मन से मजबूत मोनिका ने डाक्टरों की बातों को सिरे से खारिज करते हुए यह साबित किया कि वह एक लड़ाकू है और इस तरह उसने इस प्रभाव से इनकार कर दिया और बहुत प्रयास के बाद बैठना और वॉकर के उपयोग से चलना सीख लिया है। वह अभी व्हील चेयर पर रहती है और यह सीखने के लिए दृढ़ है कि सहायता से फिर से कैसे चलना है।
इस प्रकार यूयूएलसी 171 की अध्यक्ष तबस्सुम सैफी पठान और उदयपुर यूनाईटेड राउण्ड टेबल 234 के अध्यक्ष अविरल जैन ने उन्हें ऑर्थाेसिस (एक कृत्रिम उपकरण जो स्थिरीकरण, समर्थन या आंदोलन अनुस्मारक के उद्देश्य से शरीर के अंग का समर्थन करता है) प्राप्त करने में मदद करने एंव सम्पूर्ण खर्चे की जिम्मेदारी लेने का निर्णय लिया। दोनों संगठनों ने उसका द्विपक्षीय घुटना एंकल फुट ऑर्थाेसिस डोनेट किया और इससे उसने स्वतंत्र रूप से चलने और फिर से एक नया जीवन शुरू करने की आशा वापस पा ली है। इस सामुदायिक सेवा में एरिया 12 की क्षेत्रीय सचिव गरिमा बाबेल भी मौजूद रहीं।