GMCH STORIES

-संस्कृति, संस्कारों व भाषा परिवार की जननी है संस्कृत- सांसद सी पी जोशी

( Read 3711 Times)

18 Aug 22
Share |
Print This Page
-संस्कृति, संस्कारों व भाषा परिवार की जननी है संस्कृत- सांसद सी पी जोशी

    संस्कृत देववाणी है एवं सभी भाषाओं के साथ भारतीय संस्कृति एवम संस्कारो की जननी है, उन्होंने कहा कि विश्व में संस्कृत के प्रति चाह बढ़ रही है एवं यह संपूर्ण विश्व की धरोहर व पोषक है। उन्होंने भारतीय संस्कृति के उत्थान एवं अस्तित्व निर्माण में संस्कृत की अहम भूमिका बात कही, यह विचार संस्कृत भारती द्वारा आयोजित संस्कृत सप्ताह के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि सांसद चित्तौड़गढ़ सीपी जोशी ने कही, गौरतलब है की सांसद सीपी जोशी ने 2014 व 2019 दोनों ही बार लोकसभा में सांसद पद की शपथ संस्कृत में ही ली।

संस्कृत भारती द्वारा संस्कृत दिवस पर आयोजित संस्कृत सप्ताह का समापन आज पंचवटी स्थित आलोक विद्यालय में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि चित्तौड़ सांसद सीपी जोशी विशिष्ट अतिथि राजस्थान जनार्दन जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति कर्नल प्रोफेसर एसएस सारंगदेवोत व अध्यक्षता आलोक संस्थान के निदेशक डॉ प्रदीप कुमावत ने करते हुए मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम शुरू किया

इस अवसर पर प्रारम्भ में महानगर प्रचार प्रमुखा रेखा सिसोदिया ने ध्येय मन्त्र व भूपेंद्र शर्मा ने मंगलाचरण कर  किया। 

इस अवसर पर बतौर विशिष्ठ अतिथि जे आर एन राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर के कुलपति कर्नल प्रो एस एस सारंगदेवोत ने विजेता छात्रों को शुभकामना देते हुए कहा कि संस्कृत सार्वभौमिक महत्व के साथ सभी धर्मों की आराध्य, प्राचीन व वैज्ञानिक भाषा है, साथ ही कहा कि भावनाओं को पूर्णता प्रदान करने में संस्कृत एकमात्र सक्षम भाषा है। यह सभी भाषाओं की जननी भी है।

इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए आलोक निदेशक डॉ प्रदीप कुमावत ने कहा कि संस्कृत से ही संस्कृति की धारा बही है, उन्होंने कहा कि संस्कृत वैज्ञानिक भाषा के साथ साथ देव भाषा व लोक भाषा है,यह सुपर कंप्यूटर के लिए भी सबसे उपयोगी बताया। उन्होंने संस्कृत के उत्थान के लिए संस्कृत को अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाने व वैदिक ऋचाओ के उच्चारण से जीवन मे होने वाले प्रभाव पर बल दिया।

  प्रान्त प्रचार प्रमुख डॉ यज्ञ आमेटा ने अथिति स्वागत व परिचय के साथ संस्कृत सप्ताह का वृत प्रस्तुत किया तथा संस्कृतभारती का परिचय देते हुए कहा कि संस्कृत भारती के अथक परिश्रम से आज विश्व के 39 देशों में संस्कृत का प्रचार प्रसार का कार्य हुआ है। संस्कृत भारती के प्रयास से आज देश मे 1,80,00000 (1 करोड़ 80 लाख) लोग संस्कृत बोलने में सक्षम हैं और 5 गांव व 5000 कुटुम्ब संस्कृत में बातचीत करते हैं।

संस्कृतभारती आवासीय सम्भाषण वर्ग,बाल केंद्र,गीता शिक्षण केंद्र , पत्राचार द्वारा संस्कृत,सरल संस्कृत परीक्षा आदि के माध्यम से संस्कृत भाषा को जन भाषा बनाने हेतु स्कृत संकल्पित है।

कार्यक्रम का संचालन संस्कृत में विभाग सह संयोजक नरेंद्र शर्मा ने किया एवं धन्यवाद विभाग संयोजक दुष्यंत नागदा ने दिया।

अंत मे कल्याण मन्त्र डॉ रेणु पालीवाल ने किया।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : National News , Udaipur News , ,
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like