उदयपुर। सवीना स्थित शंातिनाथ दिंगबर जैन मंदिर में उपाध्याय दयाऋषि महाराज एवं मुनि शैलनन्दी महाराज के सानिध्य में अष्टानिका का पर्व पर आयोजित किये जा रहे 8 दिवसीय सिद्ध चक्र विधान का 13 जुलाई को समापन होगा।
चातुर्मास कमेटी के महामंत्री रमेश सिंघवी ने बताया सिद्धचक्र विधान में सोधर्म इंद्र इंदरलाल वेलावत व यज्ञ नायक दीपक देवडा ने बोली ली। इस अवसर पर मुनि 108 शैलनंदी महाराज ने कहा कि जैन धर्म में सबसे बड़ा विधान सिद्धचक्र विधान होता है। यह विधान अनादि निधन विधान है। विधान करने से कर्मों की निजरा होती है। इस विधान से असाध्य रोग दूर होता है। विधान के अंतिम दिन 13 जुलाई को विश्व शांति के लिए महायज्ञ होगा।
श्रीपद्मावती युवा संस्थान के सचिव कमलेश लखावला ने बताया कि 14 जुलाई 2022 गुरुवार पावन वर्षा योग 2022 का मंगल कलश स्थापना की जाएगी। कार्यक्रम संभवनाथ कांपलेक्स सवीना मे दोपहर 2 बजे से प्रारम्भ होगा।