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संग्रहालयों का सामाजिक महत्व एवं उपादेयता ’’विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

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19 May 22
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 संग्रहालयों का सामाजिक महत्व एवं उपादेयता ’’विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

उदयपुर, आज़दी के अमृत महोत्सव के तहत अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर भारतीय लोक कला मंडल उदयपुर एवं सांस्कृतिक निधी न्यास, उदयपुर स्कंध (इंटेक) द्वारा ‘‘संग्रहालयों का सामाजिक महत्व एवं उपादेयता’’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ।
 भारतीय लोक कला मंडल के मानद सचिव सत्य प्रकाश गौड ने बताया कि हर साल 18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाता है  इस अवसर पर विश्व भर में संग्रहालयों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर विविध प्रकार के आयोजन किये जाते है  इसी उद्वेश्य से इस वर्ष भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर एवं सांस्कृतिक निधी न्यास, उदयपुर स्कंध (इंटेक) के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘संग्रहालयों का सामाजिक महत्व एवं उपादेयता’’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन भारतीय लोक कला मण्डल के गोविन्द कठपुतली प्रेक्षालय में किया गया। 
भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया इस अवसर पर गौरव सिंघवी ने संग्रहालय के इतिहास की जानकारी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संग्रहलय हमारी संस्कृति का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है जिससे हमें सीखने की आवश्यकता है उन्होंने कहा की जो गलतियाँ हमारे पूर्वजों ने की उसे हम ना दौराए साथ ही जो पारम्परिक तकनिक का वह इस्तेमाल करते थे उसे हम समझे और उपयोग में लाए। सिटी पैलेस संग्रहालय के डॉ. हँसमुख सेठ ने सिटी पैलेस संग्रहालय की जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान समय में संग्रहालय को आमजन की पहुच तक लाना होगा इस हेतु हमें आधूनिक तकनिकों यथा डिजिटाईजेशन आदि माध्यमों का अधिक से अधिक उपयोग कर संग्रहालयों को जन उपयोगी बनाना होगा। संगोष्टी के अध्यक्ष डॉ. ललित पांडे ने भारत में प्रचीनी समय में स्थापित संग्रहालयों का संदर्भ देते हुए कहा कि भारत में इसकी शुरूआत काफी पहले हो चूकी थी इस अवसर पर उन्होंने संग्रहालय के विविध स्वरूप, संग्रहालय की उत्पत्ति, इतिहास और उसकी उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संग्रहालय हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसकी उपयोगिता एवं महत्व को भावी पीढ़ी को समझाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में संग्रहालय शिक्षा का सबसे उचित माध्यम है और हमें अधिक से अधिक स्कूल एवं कॉलेज के छात्र-छात्राओं को संग्रहालय का अवलोकन कराना चाहिए।
 कार्यक्रम के अंत में संस्था के मानद सचिव सत्य प्रकाश गौड़ ने संगोष्ठी में पधारे सभी वक्ताओं, अतिथियों एवं गणमान्य श्रोताओं का आभार प्रकट किया।                                   


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