उदयपुर | जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय केन्द्रीय कार्यालय में विश्व हिन्दी दिवस पर सोमवार को आयोजित परिचर्चा में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि हिन्दी सिर्फ भाषा ही नहीं विश्व में हमारी पहचान है, हमारा सम्मान व स्वाभिमान है हिन्दी की गिनती विश्व की प्राचीन समृद्ध व सरल भाषा में होती है इसमें हमारी संस्कृति झलकती है व संस्कार दिखते है। उन्होने कहा कि हिन्दी भाषा के संवर्धन के लिए जन जन को सहयोग करना होगा। हमे राष्ट्र ध्वज व राष्ट्र गान की तरह हिन्दी भाषा का भी सम्मान करना होगा। हिन्दी विश्व की प्राचीनम भाषा है हिन्दी का समृद्ध व्याकरण , सहज सुबोध शैली, विशाल शब्दकोष और उपलब्ध दुर्लभ साहित्य इसकी जडो को मजबूती प्रदान करता है। हिन्दी 130 करोड लोगो की भाषा होने से हमारे सम्बधों में भी आत्मीयता प्रदान करती है। इस अवसर पर पीजी डीन प्रो. जीएम मेहता, डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. चन्द्रेश छतलानी, डॉ. घनश्याम सिंह परिहार, डॉ. आशीष नन्दवाना, कृष्णकांत कुमावत, जितेन्द्र सिंह सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।