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अतिक्रमियों की सद्बुद्धि के लिए विशाल प्रदर्शन, णमोकार मंत्र जप

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20 Jan 20
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अतिक्रमियों की सद्बुद्धि के लिए विशाल प्रदर्शन, णमोकार मंत्र जप

उदयपुर। श्री मेवाड़ जैन श्वेताम्बर तेरापंथ कांफ्रेंस के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि अब समाज ने ठान ली है। जब तक समाज की संपत्ति समाज को नहीं मिलेगी, चैन से नही बैठेंगे। हठधर्मी बने समाज के कतिपय लोग समाज की संपत्ति पर कब्जा करके बैठ गए हैं जो निहायत शर्मनाक है। समाज को सड़क पर आना पड़ रहा है इसके बावजूद उनकी नींद नही खुल रही है। स्वार्थ के मोहवश वे अंधे हो गए हैं लेकिन समाज के आगे उन्हें झुकना होगा।

श्री मेवाड़ जैन श्वेताम्बर तेरापंथ कांफ्रेंस की ओर से रविवार को हिरन मगरी मेन रोड स्थित तुलसी निकेतन के बाहर 'समाज की संपत्ति समाज को मिले' के तहत विशाल प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे। भीलवाड़ा, राजसमंद, केलवा, कांकरोली, कानोड़, फतहनगर आदि स्थानों से श्रावक श्राविकाओं ने हिस्सा लिया।

उन्होंने कहा कि समाज की भूमि पर कब्जा करके अपने निजी हितों के उपयोग में लेना गलत है। पंच महाव्रतों के विपरीत अगर कोई कार्य होता है तो परेशानी होती है। बातचीत की, समझाइश की, इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था लाने की बात कही। फिर भी कोई परिणाम नही निकला। गत सितंबर में आचार्य प्रवर के सान्निध्य में महासभा और सभा के पदाधिकारियों के साथ अतिक्रमियों की बैठक हुई। महासभा ने भी कहा कि इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था में लाना चाहिए। ये कषायवश छोड़ नही पा रहे।

भीलवाड़ा से आये प्रभाकर नैनावटी ने कहा कि यह प्रतिज्ञा करें कि यह समाज की संपत्ति अपनी है कुछ लोगों की नहीं। पूर्व अध्यक्षों ने भी इस पर सहमति जताई लेकिन कुछ विवशता के कारण कुछ कर नहीं पाए। आचार्य प्रवर के समक्ष इनसे बैठने को कहा तब भी नहीं बैठे।

कांकरोली से आये दिनेश हिंगड़ ने कहा कि कांफ्रेंस अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बहुत मेहनत की। कागज एकत्र किए और समाज के मंच पर लाये। सूर्यप्रकाश मेहता ने भी विचार व्यक्त किये।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष बलवंत रांका ने कहा कि आज यह प्रदर्शन तुलसी निकेतन के चुनाव के कारण रखा गया है। छोटी सी सूचना पर आप इतनी भारी संख्या में दूर दूर से यहां पहुंचे उसके लिए आभार।

तुलसी निकेतन बचाओ समिति के संयोजक श्री प्रदीप सोनी ने दिया कि हृदय परिवर्तन के लिए जो भी प्रयास करने होंगे, हम करेंगे। महाभारत की तरह लड़ाई से पूर्व एक बार फिर समझाइश का दौर भी हुआ।

इस अवसर पर पंकज भंडारी, छगनलाल बोहरा, सीएच बाबेल, रमेश मांडोत, गौतम दुग्गड़, कमल बिकानेरिया, रोशनलाल सामोता, मोहनलाल सुखलेचा, राकेश पोरवाल, देवेंद्र कोठारी, अरुण सोनी, महेंद्र कर्णावट, लवेश मादरेचा, सोनिका जैन, ख्यालीलाल, महावीर मेडतवाल, नवीन वागरेचा, अर्जुन डांगी, डीसी जैन आदि ने बागी विचार व्यक्त किये।

कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र कर्णावट ने संबोधित करते हुए छात्रावास की जमीन आवंटन से लेकर हुई कार्यवाही तक सभी के सम्मुख रखी। सुर संगम कांकरोली के ललित बापना और दीपक चोरडिया ने गीतिका प्रस्तुत की।

कार्यकारी अध्यक्ष महेंद्र कोठारी ने मेवाड़ भर से आये श्रावक श्राविकाओं का स्वागत करते हुए कहा कि बातचीत के दौर चले लेकिन फिर भी अतिक्रमियों की अक्ल ठिकाने नही आई। जिस उद्देश्य के लिए यहां आए हैं वो सांस रहने तक चलेगा। सोचता हूं तुलसी निकेतन के लिए और भी कुछ करूं।

समाज की भूमि पर कब्जा किये बैठे लोगों की सद्बुद्धि के लिए पंकज ने णमोकार महामंत्र का जप करवाया। संचालन कांफ्रेंस के महामंत्री भूपेंद्र चोरडिया ने किया। राष्ट्रगान और विघ्न हरण से कार्यक्रम का समापन हुआ।


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