उदयपुर। तेरापंथ धर्मसंघ के मुनि संजय कुमार ने कहा कि ग्रंथ लिखने में बरसों बरस लग जाते हैं लेकिन उसके पीछे की साधना कितनी होती है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। तेरापंथ समाज उदयपुर के वरिष्ठ श्रावक लक्ष्मणसिंह कर्णावट द्वारा चार खण्डों में लिखित मेवाड में तेरापंथ ः अतीत का सिंहावलोकन भी एक ऐसा ही ग्रंथ है।
वे महाप्रज्ञ विहार में उक्त ग्रंथ के चारों खण्डों के विमोचन अवसर पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आचार्यों की मेवाड यात्राओं की व्यवस्थाओं में इनका बडा योगदान रहा। एक दाठीक कार्यकर्ता मानक के रूप में इन्हें आकलित किया जा सकता है। चार खण्डों वाले इस ग्रंथ के लिए मानो सारस्वत साधना की गई है, तब यह प्रकाशित होकर हाथों में आया है।
तेरापंथ सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने भी समारोह में विचार व्यक्त किए। सभा की ओर से कर्णावट को अभिनंदन पत्र भेंट किया गया। पत्र का वाचन लादूलाल मेडतवाल ने किया। संचालन मंत्री प्रकाश सुराणा ने किया।