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संस्कृत वेद पुराणों की प्राचीन भाषा एवम सभी भाषाओं की जननी-हस्तीमल

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14 Aug 19
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संस्कृत वेद पुराणों की प्राचीन भाषा एवम सभी भाषाओं की जननी-हस्तीमल

संस्कृतभारती व साहित्य संस्थान,जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ डिंड टू बी विश्वविद्यालय उदयपुर के सयुक्त तत्वाधान में निकाली रैली ।

आज  संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत आज 13 अगस्त 2019, मंगलवार को भव्य संस्कृत चेतना शोभा यात्रा 

संस्कृतभारती व साहित्य संस्थान,जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ डिंड टू बी विश्वविद्यालय उदयपुर के सयुक्त तत्वाधान में निकाली गई, जो निम्बार्क महाविद्यालय से प्रारम्भ होकर सूरजपोल अस्थल मंदिर धानमंडी देहलीगेट बापूबज़ार टाउन हॉल होते हुए पुनः निम्बार्क मे समाप्त हुई।

संयोजक संजय शांडिल्य ने बताया कि यात्रा को जनार्दन राय नागर  राजस्थान विद्यापीठ  भिंड टू बी विश्वविद्यालय के कुलपति  प्रोफेसर एसएस सारंगदेवोत, आलोक संस्थान के निदेशक व आर. ई.एम. सी. एल. के स्वतंत्र निदेशक डॉ प्रदीप कुमावत, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य हस्तीमल, अस्थल मंदिर के महामंडलेश्वर श्री रास बिहारी शरण शास्त्री, संस्कृत भारती के प्रांत संघठन मंत्री देवेन्द्र पंड्या, डॉ भगवती शंकर व्यास, सुरेन्द्र द्विवेदी ने भगवा ध्वज दिखाकर यात्रा को रवाना किया।

  डॉ कुमावत ने यात्रा को संबोधित करते हुए कहा की संस्कृत संगणक(computer) के लिए सबसे उपयोगी भाषा है।उन्होंने कहा की संस्कृत वेदों व पुराणों की सबसे प्राचीनतम व वैज्ञानिक भाषा है तथा इसका पुनर्रुत्थान व जागरूकता आवश्यक है। 

अतिथि प्रोफेसर एसएस सारंगदेवोत ने यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृति की रक्षा के लिए संस्कृत को व्यवहार में लाना एवं उसकी रक्षा अत्यंत आवश्यक है राष्ट्रीय स्वयं स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हस्तीमल ने संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी बताते हुए संस्कृत के संवर्धन एवं संरक्षण पर बल दिया

  संस्कृत भारती के प्रान्त प्रचार प्रमुख डॉ यज्ञ आमेटा ने बताया की यात्रा में विभिन्न विद्यालयो से 300 छात्रो ने भाग लिया जिसमे आलोक माध्यमिक विद्यालय पंचवटी,  रा व उ संस्कृत विद्यालय सवीना, माधव संस्कृत विद्यालय, निंबार्क महाविद्यालय, निम्बार्क एस. टी. सी, विद्या भवन गांधी शिक्षा अध्ययन संस्थान बड़गांव इतिहास महाविद्यालय आदि की प्रमुख रूप से सहभागिता रही।
 इस अवसर पर संस्कृत चेतना यात्रा में छात्रो द्वारा " हेलो हाय त्यज- हरिओम वद, वज्ञानिकी भाषा- संस्कृत भाषा" , अस्माकं भाषा - संस्कृत भाषा, संस्कृतेन संभाषण कुरु - जीवनस्य परिवर्तनम् कुरु,  अमृत भाषा- संस्कृत भाषा  आदि संस्कृत के उद्गोषो से गुंजायमान कर संस्कृत मय वातावरण बना जिससे उदयपुर शहर के वातावरण मेंं संस्कृत केे प्रति जागरूकता एवं जन चेतना जगी।

  यह यात्रा संस्कृत के लिए चेतना एवम जागरूकता के उद्देश्य से समाज के लिए उत्साह का केंद्र रही।

यात्रा में मुख्य रूप से विद्यापीठ से 

कार्यक्रम प्रभारी निदेशक प्रो जीवन सिंह खरकवाल, संयोजक डॉ महेश आमेटा, डॉ कुलशेखर व्यास, 

संस्कृत भारती के यात्रा में मुख्य रूप से दुष्यंत नागदा, हिमांशु भट्ट, डॉ यज्ञ आमेटा, नरेंद्र शर्मा, संजय शांडिल्य, मंगल जैन, लोकेश पांचाल, रेखा सिसोदिया, दुर्गा कुमावत आदि मौजूद रहे।

विद्यापीठ के रितेश बुनकर, शोरब कुरेशी, रमेश प्रजापत , के पी सिंह, नारायण पालीवाल, घनश्याम सिंह, के के नाहर कमला आचार्य, चौहान मेडम, मधु शर्मा, माया खंडेलवाल आदि भी  उपस्थित रहे।

  अंत में संस्कृत सप्ताह की आगे की जानकारी देते हुए संस्कृत भारती के महानगर सयोजक नरेंद्र शर्मा ने बताया कि कल 14 अगस्त को श्लोक आधारित चित्रकला प्रतियोगिता विद्यानिकेतन अशोक नगर में, 15 अगस्त को संस्कृति रक्षार्थ रक्षा सूत्र कार्यक्रम जगदीश मंदिर में, 16 अगस्त को श्लोक प्रतियोगिता आलोक हिरण मंगरी सेक्टर 11 में, 17 अगस्त को समूह गीत प्रतियोगिता एवं पुरस्कार वितरण समारोह आलोक विद्यालय पंचवटी में आयोजित होगा सप्ताह का समापन वृक्षारोपण कार्यक्रम के साथ 18 अगस्त को शीतला माता बाल उद्यान सेक्टर 4 में होगा।


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