उदयपुर । तेरापंथ धर्मसंघ के दशम अधिशास्ता आचार्य महाप्रज्ञ के जन्म शताब्दी वर्ष के शुभारंभ पर रविवार को तेरापंथ भवन में मुनि संजय कुमार ने कहा कि शताब्दी वर्ष अध्यात्म के शिखर पुरुष के जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर है। वे ऐसे शलाका पुरुष थे जिनका जीवन व्यक्तित्व अनेक विशेषताओं का समवाय था। आचार्य महाप्रज्ञ का साहित्य राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान है। आत्म कल्याण के लिए उनका साहित्य हेतु और सेतु का काम करता है। संबोधि ग्रंथ उनकी कालजयी कृति है। सभी को उसका पारायण करना चाहिए। उनके साहित्य से सभी धर्मों के लोग प्रभावित थे। हमें अस्तित्व की खोज करते रहना चाहिए। जो साहित्य तात्कालिक समस्याओं का समाधान न दे, वो उपयोगी नहीं हो सकता।
मुनि प्रसन्न कुमार ने आचार्य महाप्रज्ञ के अवदानों के बारे में बताते हुए कहा कि आचार्य ने हिन्दू मुस्लिम दंगों में मध्यस्थता की। जगदीश रथयात्रा की भांति ताजिया कार्यक्रम भी शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। लोकसभा में राष्ट्र की ओर से इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार प्रदान किया गया।
तेरापंथ सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने बताया कि अणुव्रत समिति के अध्यक्ष गणेश डागलिया, नारायण सेवा संस्थान के कैलाश मानव की उपस्थिति में २१ हजार रूपए का उत्कृष्ट अणुव्रत सेवा सम्मान मोहन राठौड को प्रदान किया गया।
आरंभ में महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण किया। फिर महिला मंडल अध्यक्ष सुमन डागलिया, टीपीएफ अध्यक्ष चन्द्रेश बापना, तेयुप अध्यक्ष अभिषेक पोखरना ने विचारों की अभिव्यक्ति दी। पंकज भंडारी ने गीत प्रस्तुत किया। ज्ञानशाला के बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियों ने मन मोह लिया। संचालन अर्जुन खोखावत ने किया। आभार तेयुप मंत्री मनोज लोढा ने व्यक्त किया।